सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अनिरूद्ध बोस बोले- पुलिस की विवेचना तभी सफल, जब अपराधी को सजा मिले

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अनिरूद्ध बोस ने मंगलवार को केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, सीएपीटी भोपाल में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा- पुलिस की विवेचना तभी सफल है। जब अपराधी को सजा मिले।

Updated On 2024-10-22 21:21:00 IST
Justice Aniruddha Bose

प्रशांत शुक्ला, भोपाल। पुलिस की विवेचना तभी सफल है। जब अपराधी को सजा मिले। वर्तमान समय में पुलिस को इलेक्ट्रानिक इंटेलीजेस के आधार पर ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है। राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अनिरूद्ध बोस ने मंगलवार को केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, सीएपीटी भोपाल में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि थाने के पुलिसकर्मी के इन्वेस्टिगेशन में भी बहुत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। जब थानों में एफआईआर दर्ज की जाए तो इसकी वीडियोग्राफी की भी आवश्यकता है, साथ ही यह भी कहा कि न्याय संहिता हमें क्राइम से लड़ने की ताकत देती है। इसके लिए पुलिस में ह्यूज स्किल डेवलप करना जरूरी है। उन्होंने अपराध के स्वरूप के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने का जिक्र कर कहा कि मनी लांड्रिंग, आर्म्स ट्रेड, नारकोटिक्स, क्रिप्टो करेंसी, डार्कनेट अब लोकल लेवल के नहीं, इंटरनेशनल लेवल के क्राइम हो गए हैं और इसकी विवेचना में सूक्ष्मता जरूरी है।

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अपराधियों ने शुरू किया नई तकनीक का इस्तेमाल
जस्टिस बोस ने कहा कि बदलते दौर में अपराधियों ने अपराध की नई तकनीक इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसलिए पुलिस को एआई के आधार पर ट्रेनिंग की आवश्यकता है। पुलिस फोर्स को यह ध्यान रखना होगा कि वे शाम 5 बजे के बाद स्टेट का फेस होते हैं। थाने में आने वाला हर व्यक्ति अपने लिए पॉजिटिव थिंकिंग लेकर आता है, उसे भी ध्यान रखना चाहिए।

देश में 8 लाख केस पेंडिंग हैं
एनसीआरबी 2022 के आंकड़ों का जिक्र करते हुए जस्टिस बोस ने कहा कि देश के 18 हजार से अधिक थानों में एक लाख से अधिक सब इंस्पेक्टर हैं। इसके बाद भी 8 लाख से अधिक केस विवेचना के लिए पेंडिंग हैं।

एआई की चुनौतियां, साइबर अपराध, सामुदायिक पुलिसिंग पर चर्चा
संगोष्ठी में अराजकता और प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में सामुदायिक पुलिसिंग, साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा और एआई की चुनौतियों और प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। संगोष्ठी में हुए विचार विमर्श के बाद बाद देश में इसे लागू करने को लेकर सिफारिश की जाएगी। राजीव कुमार शर्मा महानिदेशक पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के निर्देशन में होने वाली संगोष्ठी में सभी राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुख और प्रतिनिधि एक साथ शामिल हुए।

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