Bhopal News : डिवाइडर न होने से वाहन चालकों की मनमानी, बीआरटीएस कॉरिडोर हटा पर बैरिकेड्स और बोर्ड नहीं

संत हिरदाराम से मिसरोद तक बीआरटीएस कॉरिडोर की कुल लंचाई करीच 24 किलोमेटर है। इसमें से 4 किमी डेडिकेटेड लेब पहले ही हट चुकी थी।

Updated On 2024-06-27 16:09:00 IST
डिवाइडर न होने से वाहन चालकों की मनमानी

Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने में पूरे डेढ़ सौ दिन लग गए, लेकिन उसके बाद रोड सुरक्षा के लिए किए जाने वाले काम आज भी अधूरे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन सड़कों पर है, जो सीधे हाईवे से जुड़ रही हैं। यहां से कॉरिडोर हटने के बाद डिवाइडर और स्पीड ब्रेकर के साथ ही स्ट्रीट लाइट लगना जरूरी है। क्योंकि कॉरिडोर हटाने के बाद पीले रंग के बोर्ड डिवाइडर की जगह रख दिए गए हैं। यह बोर्ड रात को दिखाई नहीं देते। साथ ही तेज गति से निकल रहे वाहनों का इस तरफ ध्यान भी नहीं जाता है।

15 जून तक काम पूरे करने का निर्देश था
नगर निगम कमिश्नर ने 15 जून तक डिवाइडर व स्ट्रीट लाइट सहित सभी काम पूरे करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी साढ़े 19 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को हटाने के बाद भी सुधार कार्य बाकी रह गए। कॉरिडोर हटाने के बाद यह प्लान बना था कि रोड सेफ्टी पर भी ध्यान देना चाहिए था। बस स्टॉप भी बनाने होंगे, ताकि बसों के ठहराव के साथ दिव्यांग और सीनियर सिटीजन के लिए व्यवस्था जुटाई जा सके। इसे हटाने के बाद बेहतर नॉन बीआरटीएस सिस्टम देना होगा। कॉरिडोर हटाने से पहले ही इसको लेकर प्लानिंग तय की गई थी। इसके बाद भी इनमें से कोई काम नहीं हुआ

बस स्टॉप का इंतजार
संत हिरदाराम से मिसरोद तक बीआरटीएस कॉरिडोर की कुल लंचाई करीच 24 किलोमेटर है। इसमें से 4 किमी डेडिकेटेड लेब पहले ही हट चुकी थी। ऐसे में साढ़े 19 किमी कॉरिडोर को हटाने जाने की कवायद शुरू हुई थी। इसके साथ 48 से अधिक बस स्टॉप भी हटाए गए। साढ़े तीन से सिटी बसे दोनों तरफ से चल रही है जिवले लिए बस स्टाप जरूरी हैं, लेकिन इन्हें लगाने का काम भी धीमी ताति से और तालत जताह लगाए जा रहे है। वहीं कलेक्ट्रेट के पास सर्विस रोड पर इन्हें लगाया जा रहा है. जिससे सर्विस रोड की उपयोतिाता खतम हो गई है। वहीं होशंगाबाद रोड पर साइकिल ट्रैक पर इन्हें शिफ्ट किया गया है। जचकि संत हिरदाराम नगर में इन्हें लगाने की
जगह ही नहीं है।

उद्घाटन हुआ तभी से विवाद
बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर विवाद सितंबर 2013 में उद्घाटन के बाद से ही शुरू हो गया था। क्योंकि बीआरटीएस लेन की चौड़ाई, पुलों पर फुटपाथ की कमी और दुर्घटना संबंधी मुद्दों पर विवाद के कारण मध्य प्रदेश सरकार को राज्य विधानसभा की प्राक्कलन समिति का गठन करना पड़ा था। ओमप्रकाश सकलेचा की अध्यक्षता में भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर का निरीक्षण किया गया था। आयुक्त नगर निगम, भोपाल हरेंद्र नारायण ने कहा कि काफी तेजी से काम करने को कहा है कॉरिडोर पूरी तरह से हट चुका है। शेष बचे हुए काम मी शुरू हो गए है। जल्दी ही स्ट्रीट लाइट और डिवाईडर के काम पूरे हो जाएंगे।

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