भोपाल गैस पीड़ितों को लेकर हाईकोर्ट में कल होगी सुनवाई, केंद्र व राज्य सरकार के 9 बड़े अफसरों पर चलेगा अवमानना का मुकदमा

रचना ढिंगरा ने न्यायपालिका के इस आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आदेश को मिसाल बनाना चाहिए। ताकि जिन अधिकारियों की वजह से गैस पीड़ितों की स्वास्थ्य व्यवस्था की यह हालत बनी है, उन सभी को मिसालदायक सजा भी मिलनी चाहिए।

Updated On 2024-01-16 17:23:00 IST
jabalpur High Court

Bhopal: भोपाल गैस पीड़ितों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट कल यानी 17 जनवरी को सुनवाई करने जा रहा है। गैस पीड़ितों को सही इलाज, शोध की व्यवस्था न देने, सुप्रीम कोर्ट के भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य के मामले में 2012 के आदेश की अवमानना करने पर केंद्र और राज्य सरकार के 9 अधिकारियों पर केस चलाने का आदेश दिया गया है।

इन अधिकारियों को मिल चुका नोटिस
भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव आरती आहूजा, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एनवायर्नमेंटल हेल्थ के संचालक डॉ. आरआर तिवारी, भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ. प्रभा देसिकान, अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान,  तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, राज्य सूचना अधिकारी अमरकुमार सिन्हा, एनआईसीएसआई विनोदकुमार विश्वकर्मा और आईसीएमआर भारत सरकार के सीनियर डिप्टी संचालक आर. रामा कृष्णन को नोटिस मिल चुका है। 

कोर्ट के आदेश का स्वागत
रचना ढिंगरा ने न्यायपालिका के इस आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आदेश को मिसाल बनाना चाहिए। ताकि जिन अधिकारियों की वजह से गैस पीड़ितों की स्वास्थ्य व्यवस्था की यह हालत बनी है, उन सभी को मिसालदायक सजा भी मिलनी चाहिए। खंडपीठ द्वारा इन सभी अधिकारियों पर लगाए गए चार्ज में लिखा है, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के जुलाई 2023 की रिपोर्ट निगरानी समिति की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि 10.5 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आप सभी प्रतिवादियों ने सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ इस न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में कोई तत्परता या ईमानदारी नहीं दिखाई है। गैस पीड़ितों को अधर में छोड़ दिया जा रहा है। आप सभी प्रतिवादियों ने इन आदेश के अनुपालन की प्रक्रिया इतनी दिलाई की है कि आप सभी ने पीआईएल की अवधारणा को एक मजाक बना दिया है। इस न्यायालय को गैस पीड़ितों के प्रति आपकी असंवेदनशीलता को छोड़कर आपके उत्तरदाताओं की ओर से ढिलाई के पीछे कोई अच्छा कारण नहीं दिखता है'।

दिसंबर में सुनाया था निर्णय
गैस पीड़ित संगठन की रचना ढिंगरा ने बताया कि 20 दिसंबर को कोर्ट ने निर्णय सुनाया था। इसके बाद अधिकारियों को नोटिस भेजे गए थे। लेकिन, कोर्ट के इतने अहम और सख्त फैसले की जानकारी मुझे 15 जनवरी को लगी। इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को हाईकोर्ट में होगी। ढिंगरा ने बताया कि सभी अधिकारियों को चार्ज की कॉपी दी गई है।

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