Bhopal AIIMS: सिकल सेल समेत अन्य रोगों के लिए भोपाल एम्स की पहल, 49 जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों को दिया प्रशिक्षण 

Bhopal AIIMS News: भोपाल एम्स ने सिकल सेल एनिमिया से बचाव के लिए प्रदेश के 49 जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। केंद्र सरकार द्वारा एम्स को दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया है।

Updated On 2024-05-03 22:24:00 IST
Bhopal AIIMS Sickle Cell

Bhopal AIIMS News: भोपाल एम्स (अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान) को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया है। सिकल सेल (थैलेसीमिया) भी एक दुर्लभ बीमारी है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए बचपन से ही जांच होना आवश्यक है, ताकि समय पर इलाज शुरू हो जाए। 

सिकल सेल बीमारी आदिवासी बच्चों में काफी देखी जाती है, जबकि देश में आदिवासियों की एक बड़ी जनसंख्या मध्य प्रदेश में है। इसे देखते हुए भोपाल एम्स की तरफ से 'नवजात शिशुओं में आम चयापचय संबंधी विकार और सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी की जांच के लिए प्रयोगशाला सुविधाओं की स्थापना' नाम से एक परियोजना चलाई जा रही है।

49 जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों को दिया प्रशिक्षण 
एम्स और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (रक्त कोशिका) के सहयोग से राज्य सिकल सेल मिशन के तहत नवजात शिशु में चयापचय संबंधी विकारों और हीमोग्लोबिनोपैथी की जांच की जागरूकता को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रदेश के 49 जिलों में स्वास्थ्य देखभाल स्टाफ (चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ) को नवजात शिशु की हीमोग्लोबिनोपैथी (सिकल सेल) और चयापचय संबंधी विकारों की जांच शुरू करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को नमूनों के संग्रह के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना है। 

नवजात शिशु की जांच के लिए इसमें नवजात शिशु की स्क्रीनिंग और नमूना संग्रह की पद्धति शामिल है। यह सत्र प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया। इसमें विभिन्न पहलू, जिनमें नवजात शिशु स्क्रीनिंग अवलोकन, नमूना से संबंधित तकनीकी पहलू , संग्रह, भंडारण और परिवहन शामिल हैं। हर जिले में दो बैचों में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। पहला बैच चिकित्सा अधिकारियों और स्टाफ नर्स के लिए था और दूसरा बैच प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए था। प्रशिक्षण में सभी जिलों से लगभग 350 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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