Bhojshala ASI Survey: धार भोजशाला में जीपीआर मशीनों से स्कैनिंग, खुदाई में मिली खंडित मूर्ति  

Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला में 64 दिन से ASI सर्वे जारी है। रविवार को यहां जीपीआर मशीनों से स्कैनिंग कर दक्षिणी व उत्तरी हिस्से में खुदाई की गई। जहां खंडित मूर्ति जैसी आकृति मिली है।

Updated On 2024-05-27 12:37:00 IST
dhar bhojshala dispute

Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला में ASI सर्वे जारी है। रविवार को यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने जीपीआर मशीनों से तकरीब 11 घंटे तक यज्ञकुंड की स्कैनिंग की। इस दौरान सर्वे टीम मो खंडित प्रतिमा मिली है। 

हैदराबाद से आई विशेषज्ञों की टीम ने यज्ञकुंड व उसके आसपास के इलाकों में बारीकी से स्कैनिंग की। मशीनों से स्कैनिंग और खनन के दौरान टीम को एक खंडित प्रतिमा मिली है। 

टीम के सदस्यों ने भोजशाला के पूर्वी हिस्से यानी मेन गेट के पास भी एक प्वॉइंट पर ग्राफिंग की है। ASI के अधिकारी अब इमारत को नुकसान पहुंचाए बिना मशीन की मदद से जमीन के अंदर की स्थिति देख पा रहे हैं।

उत्तरी भाग में मिली प्रतिमा 
भोजशाला के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में खनन भी जारी है। उत्तरी भाग में एक पत्थर पर उकेरी आकृतियां और दूसरे पर चित्रकारी मिली  है। तीसरा अवशेष संगमरमर के पत्थर का हिस्सा है, जो मूर्ति की तरह दिखता है। कुछ लोग इसे खंडित प्रतिमा बता रहे हैं। 

मुस्लिम समाज ने जताया विरोध 
भोजशाला में जारी ASI सर्वे के बीच शुक्रवार 24 मई को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। साथ ही काली पट्टी बांधकर खुदाई का विरोध का विरोध जताया था। कहा, यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन है। हालांकि, हिंदू पक्ष के वकील शिरीष दुबे ने दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय के नेता सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को गलत समझ रहे हैं।

64 दिन से जारी है सर्वे 
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर भोजशाला में एएसआई की टीम पिछले 64 दिन से सर्वे कर रही है। 11वीं सदी में बने इस स्मारक भोजशाला को हिंदु धर्मावलंबी मां सरस्वती को समर्पित मंदिर बताते हैं। जबकि, एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक को कमाल मौला मस्जिद कहते हैं। 

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