AIIMS Bhopal: मानसिक रोगियों के पुनर्वास पर मिलकर होगा काम, सीहोर की संस्था के साथ एम्स भोपाल का समझौता
AIIMS Bhopal: एम्स भोपाल द्वारा मानसिक रोगियों के लिए सराहनीय कदम उठाया गया है। मानसिक रोगी भी समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
Aiims Bhopal: मानसिक रोगियों के लिए एम्स भोपाल ने सराहनीय कदम उठाया है। मानसिक रोगी भी समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी है। मानसिक रोगियों के पुनर्वास के लिए इस दिशा में एम्स भोपाल और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान, सीहोर की ओर से एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया गया है।
मानसिक रोगियों पर ध्यान देने की आवश्यक्ता
मानसिक रोगियों के पुनर्वास से जुड़े समझौते पर बात करते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने अपनी बात रखी। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हम आमतौर पर समाज में मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा करते ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मानसिक रोगियों का इलाज अवश्य करते हैं, किंतु उसके बाद उनके पुनर्वास की ओर ध्यान नहीं देते हैं।
मानसिक बीमार लोग जिएं सम्मानजनक जीवन
प्रोफेसर अजय सिंह ने कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि हमें उनके अंदर व्यावसायिक कुशलता को बढ़ाना होगा जिससे कि वह समाज में एक सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए मरीज और उसके परिवार के सदस्यों को भी समझना होगा कि मानसिक बीमारी को भी अन्य बीमारियों की तरह ठीक किया जा सकता है।
प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाने की तैयारी
इस मौके पर एम्स भोपाल के मनोरोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विजेंद्र सिंह ने कहा कि इलाज के बाद मरीज को सबसे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। जिसमें पुनर्वास की एक महत्वपूर्ण भूमिका है और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान, सीहोर के द्वारा ऐसे मरीजों को न केवल सलाह दी जाएगी बल्कि पुनर्वास के लिए उन्हें प्रशिक्षण देकर सक्षम भी बनाया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन के पश्चात एम्स भोपाल से मरीजों को सीहोर स्थित इस संस्थान में रेफर भी कर सकते हैं जिससे कि उनका पुनर्वास भली भांति किया जा सके।
समाज में एक बेहतर जीवन व्यतीत करना ही उद्देश्य
समझौता पर एम्स भोपाल की ओर से उपनिदेशक (प्रशासन) कर्नल (डॉ) अजीत कुमार जबकि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान, सीहोर की ओर से उप रजिस्ट्रार डॉ नरेंद्र कुमार ने हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान अपने आप में देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां पर मानसिक स्वास्थ्य रोगियों के पुनर्वास हेतु प्रयास किए जाते हैं। जिससे कि वह स्वस्थ हो कर समाज में एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सके।