एम्स भोपाल को NABH से मिली मान्यता, 25 फीसदी बढ़ेगा अस्पताल का बजट, मरीजों को मिलेगा एडवांस इलाज 

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स भोपाल को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABH) से मान्यता मिल गई है। अब एम्सअस्पताल को 25 फीसदी अधिक धनराशि मिलेगी। मरीजों को बिना अधिक खर्च के सबसे एडवांस और गुणवत्ता पूर्ण इलाज मिलेगा।

Updated On 2024-01-15 20:08:00 IST
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी।

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) से मान्यता मिल गई है। एम्स अब एनएबीएच से मान्यता प्राप्त करने वाला मध्य भारत का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। साथ ही एम्स एकमात्र ऐसा सरकारी अस्पताल है जहां 960 बेड, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, एंबुलेंस सेवा समेत पूरे अस्पताल को यह सर्टिफिकेट मिला है। इससे पहले एम्स दिल्ली और एम्स नागपुर को यह सर्टिफिकेट अस्पताल के कुछ भाग के लिए मिला था। इसकी हर साल जांच भी होती है, कमी मिलने पर मान्यता खत्म कर दी जाती है। एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। 

सीजीएचएस की रेट लिस्ट में होगा इजाफा
इस सर्टिफिकेट के तहत एम्स भोपाल को केंद्र सरकार की तरफ से इलाज के लिए मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी होगी। अस्पताल को बजट से 25 फीसदी अधिक धनराशि मिलेगी और डिफॉल्ट रूप से सीजीएचएस की रेट लिस्ट में इजाफा हो जाएगा। इससे मरीजों को बिना अधिक खर्च के सबसे एडवांस और गुणवत्ता पूर्ण इलाज मिलेगा।

राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) सर्टिफिकेट के साथ एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह।

जानें क्या है एनएबीएच
राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) स्वास्थ्य सेवा संस्थानों को मान्यता देने के लिए स्थापित किया गया है। इस बोर्ड का कामकाज स्वायत्त है। यह संस्था स्वास्थ्य सुविधाओं की पहचान के साथ साथ उत्कृष्ट नर्सों के विकास को बढ़ावा देती है। प्रयोगशाला प्रमाणन गतिविधियों का संचालन करता है, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यशालाओं का संचालन करता है, गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा के लिए व्याख्यान आयोजित करता है।

इन मापदंडों पर खरा उतरने के बाद मिलती है मान्यता 
नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल ने अपने मानक तय किए हैं। नियमों के अनुसार अस्पताल का संचालन, मरीजों का बेहतर इलाज की सुविधा, संक्रमण मुक्त वातावरण, इलाज के लिए निर्धारित प्रक्रियाएं, अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग और अन्य स्टाफ की दक्षता, अस्पताल में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता और उनकी वैधानिकता को सभी तथ्यों पर परखा जाता है। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरने के बाद NABH  की मान्यता मिलती है। 

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