नर्मदा में अवैध खनन का खुला खेल: बिना स्वीकृत खदानों के भी रेत उत्खनन जारी, जिला खनिज अधिकारी पर उठे सवाल

नर्मदा नदी में बिना स्वीकृत खदानों के भी रेत उत्खनन जारी है। रातीकरार और ककरा घाट सहित कई जगह मशीनों से खनन, जिला खनिज अधिकारी की भूमिका पर सवाल।

By :  Desk
Updated On 2025-11-17 18:19:00 IST

नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन का पर्दाफाश

नरसिंहपुर/गणेश प्रजापति (हरिभूमि संवाददाता): मां नर्मदा के तटों पर लगातार हो रहे अवैध रेत उत्खनन ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। सबसे हैरानी की बात यह है कि नर्मदा नदी में इस समय एक भी वैध रेत खदान स्वीकृत नहीं है, इसके बावजूद कई घाटों पर दिन-रात मशीनों की गर्जना सुनाई देती है और ट्रॉलियों में रेत भरी जा रही है। यह पूरा मामला सीधे-सीधे जिला खनिज अधिकारी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

स्थानीय निवासी बताते हैं कि रेत का यह कारोबार किसी गुप्त गतिविधि की तरह नहीं, बल्कि खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। लोग जब नदी के बीचों-बीच जेसीबी, पोकलेन और मजदूरों को रेत निकालते देखते हैं, तो उन्हें लगता है जैसे वे नरसिंहपुर नहीं, बल्कि यूपी-बिहार के कुख्यात रेत माफिया क्षेत्रों में पहुंच गए हों। यही वजह है कि अब जनता के मन में सबसे बड़ा सवाल उभर रहा है- “जब नदी में कोई खदान स्वीकृत नहीं तो रेत निकल कैसे रही है?”

सूत्रों का दावा है कि अवैध उत्खनन के इस खेल में कुछ रेत कंपनियों के कर्मचारियों की सीधी भूमिका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी की मर्जी के बिना कोई मिट्टी तक नहीं हटा सकता, फिर भी नर्मदा से धड़ल्ले से ट्रॉली-दर-ट्रॉली रेत निकाली जा रही है। आरोप यह भी है कि ऊपर से नीचे तक पूरा सिस्टम ‘मीठी सुगंध’ से तरबतर होकर चुप्पी साधे बैठा है और खनिज विभाग की निष्क्रियता संदेह पैदा कर रही है।

रातीकरार, ककरा घाट, बारहघाट समेत कई स्थान अवैध खनन के हॉटस्पॉट बन चुके हैं। हाल ही में रातीकरार घाट पर अवैध उत्खनन के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसके बाद ककरा घाट सहित अन्य घाटों से भी ऐसे ही दृश्य सामने आए। इसके बावजूद जिला खनिज अधिकारी की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नज़र नहीं आई।

अब बड़ा प्रश्न यही है कि क्या खनिज विभाग की भूमिका सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति तक सिमटकर रह गई है, या फिर विभाग वास्तव में कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

उधर नर्मदा भक्तों और स्थानीय निवासियों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले दिनों में बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो सकता है। नदी की अस्मिता बचाने के लिए जनता अब आर-पार के मूड में दिख रही है।

जिला खनिज अधिकारी ओ.पी. बघेल का कहना है कि “आज टीम भेजी गई है, मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, लोगों का मानना है कि कार्रवाई तभी प्रभावी मानी जाएगी जब अवैध खनन पूरी तरह रुके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

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