वित्तीय संकट: मध्यमवर्गीय परिवार नहीं चुका पाए लोन, MP में बैंकों के 35,668 करोड़ डूबे; किसान, विद्यार्थी सब परेशान

NPA 2024 MP: मध्यप्रदेश में बैंकों का 35,668 करोड़ रुपए डूबा कर्ज, सबसे ज्यादा असर कृषि और हाउसिंग लोन पर। 9 जुलाई को ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं रहेंगी ठप।

By :  Desk
Updated On 2025-07-08 16:48:00 IST

Madhya Pradesh NPA

Madhya Pradesh NPA 2024: बैंकों से कर्ज लेकर भुगतान न करने वालों की संख्या मध्य प्रदेश में भी तेजी से बढ़ रही है। 31 दिसंबर 2024 तक एमपी में 35,668 करोड़ रुपए का बैंक लोन एनपीए (Non-Performing Assets) घोषित किया जा चुका है। मध्य प्रदेश में सर्वाधिक बैंक लोन कृषि सेक्टर का NPA हुआ है। हाउसिंग और एजुकेशन लोन की स्थिति भी चिंताजनक है।

बैंकिंग व्यवस्था पर संकट के बादल

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, शिक्षा, मकान, MSME) में ₹17.36 लाख करोड़ और गैर-प्राथमिक क्षेत्र में ₹4.43 लाख करोड़ बैंक लोन बकाया है। बैंकों ने 35,668 करोड़ रुपए बैंक लोन एनपीए घोषित कर दिया है। इसमें करीब 10.77 हजार करोड़ कृषि सेक्टर का है। इसी तरह हाउसिंग लोन ₹20,056 करोड़ और एजुकेशन लोन ₹348 करोड़ एनपीए हुआ है।

  • कृषि कर्ज एनपीए: ₹10.77 लाख करोड़
  • हाउसिंग लोन एनपीए: ₹20,056 करोड़
  • एजुकेशन लोन एनपीए: ₹348 करोड़
  • एमएसएमई सेक्टर एनपीए: ₹5.03 लाख करोड़

SBI और PNB सबसे ज्यादा घाटा

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI):  ₹4,90,950 करोड़

पंजाब नेशनल बैंक (PNB): ₹4,11,162 करोड़

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

  • विशेषज्ञों के अनुसार, कर्ज वसूली न हो पाने पर एनपीए बढ़ता है। इससे बैंकों की बैलेंस शीट और लोन देने की क्षमता पर प्रभावित होती है। साथ ही आम जनता के लिए कर्ज और महंगा व कठिन हो जाता है। 
  • एक तरफ बढ़ते एनपीए ने बैंकों की वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं दूसरी ओर कर्ज महंगा हो जाने से लेनदेन भी कम हो जाता है। इस कारण उन्हें दोहरा नुकसान झेलना पड़ता है। 
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