MP में बंद होगा पेपर वाला स्टाम्प, हर रजिस्ट्री होगी डिजिटल, ट्रैकिंग होगी आसान

मध्यप्रदेश सरकार अब स्टाम्प पेपर का पूरा सिस्टम डिजिटल करने जा रही है। जल्द ही प्रदेश में पेपर वाले स्टाम्प पूरी तरह बंद हो जाएंगे।

Updated On 2025-10-18 13:04:00 IST

मध्यप्रदेश सरकार अब स्टाम्प पेपर का पूरा सिस्टम डिजिटल करने जा रही है। जल्द ही प्रदेश में पेपर वाले स्टाम्प पूरी तरह बंद हो जाएंगे। जमीन, मकान की रजिस्ट्री से लेकर शपथ-पत्र और किरायानामा जैसे सभी दस्तावेजों में अब सिर्फ ई-स्टाम्प (E-Stamp) का उपयोग होगा। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही कागजी स्टाम्प पेपर की छपाई बंद कर दी जाएगी।

पूरी तरह लागू होगा सिस्टम

करीब 10 साल पहले, वर्ष 2015 में सरकार ने ₹100 से अधिक मूल्य वाले स्टाम्प पेपर की छपाई बंद कर दी थी। अब योजना है कि ₹100 या उससे कम मूल्य वाले स्टाम्प भी सिर्फ डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होंगे। इससे स्टाम्प पेपर की छपाई, वितरण और वेंडिंग पर हर साल ₹30–35 करोड़ का खर्च बचेगा।

ई-स्टाम्प से घटेगा फर्जीवाड़ा

इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) जुलाई 2013 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्टाम्प का दुरुपयोग रोकना और ट्रैकिंग आसान बनाना है। ई-स्टाम्प से हर ट्रांजैक्शन का यूनिक आईडी नंबर जेनरेट होता है, जिससे नकली या डुप्लीकेट स्टाम्प की संभावना खत्म हो जाती है। सरकारी विभागों को भी रिकॉर्ड ट्रैक करने में समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।

ऐसे खरीदें ऑनलाइन ई-स्टाम्प

मध्य प्रदेश के नागरिक अब घर बैठे ई-स्टाम्प खरीद सकते हैं। प्रक्रिया बेहद आसान है:

  • ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य अधिकृत वेबसाइट पर जाएं।
  • दस्तावेज़ का प्रकार चुनें,जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता, शपथ-पत्र आदि।
  • जरूरी विवरण भरें और नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड से भुगतान करें।
  • सफल भुगतान के बाद डिजिटल स्टाम्प प्रमाणपत्र (e-Stamp Certificate) तुरंत डाउनलोड कर सकते हैं।

अधिकृत वेंडर से भी मिल सकता है ई-स्टाम्प

यदि आप ऑनलाइन प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं, तो अपने शहर के अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी ई-स्टाम्प खरीदा जा सकता है। वेंडर आपकी मदद से स्टाम्प शुल्क की गणना, भुगतान और प्रमाणपत्र जारी करेंगे।

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