बालाघाट: लोकायुक्त ने फारेस्ट गार्ड को ₹3.5 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, मुआवजा दिलाने के नाम पर की थी ₹4 लाख की डिमांड

मध्यप्रदेश के बालाघाट में लोकायुक्त ने फारेस्ट गार्ड को ₹3.5 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। विस्थापित मुआवजा दिलाने के नाम पर आरोपी ने ₹4 लाख की डिमांड की थी। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया।

Updated On 2025-09-18 23:52:00 IST

बालाघाट में लोकायुक्त ने फारेस्ट गार्ड को ₹3.5 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। (फाइल फोटो)

भोपाल। लोकायुक्त टीम ने बालाघाट जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फारेस्ट गार्ड को ₹3.5 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया। आरोपी ने वनग्राम विस्थापित ग्रामीण से मुआवजा दिलाने के नाम पर ₹4 लाख की अवैध मांग की थी। शिकायत सत्यापित होने के बाद लोकायुक्त ने जाल बिछाया और आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता राजेन्द्र धुर्वे (उम्र 27 वर्ष, निवासी वनग्राम नवेगांव) ने फारेस्ट गार्ड मत्तम नगपुरे, लालबर्रा वन परिक्षेत्र, के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में बताया गया कि उसका गांव पेंच कोरिडोर के कोर एरिया में आने और जंगली जानवरों की संख्या अधिक होने के कारण विस्थापन योजना के अंतर्गत है। विस्थापित परिवार के प्रत्येक सदस्य को ₹15 लाख मुआवजा दिया जाना है।

धुर्वे ने बताया कि उसके परिवार के 5 सदस्यों के लिए मुआवजा स्वीकृत हुआ, और पहली किस्त ₹5 लाख प्रत्येक के खाते में जमा हो चुकी है। इसी दौरान फारेस्ट गार्ड ने शिकायतकर्ता से धमकी देते हुए कहा कि यदि वह ₹4 लाख रिश्वत नहीं देगा तो उसकी साथी सुखवंती बाई का नाम सूची से काट देगा और बाकी परिवार को भी मुआवजा नहीं मिलेगा।

शिकायत सत्यापित होने पर लोकायुक्त ने ट्रैप प्लान किया। जैसे ही शिकायतकर्ता ने आरोपी को बैंक से निकाली रकम सौंपी, फारेस्ट गार्ड ने रिश्वत की राशि हाथ में ली और टीम ने उसे पकड़ लिया।

लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7ए के तहत केस दर्ज कर लिया है।

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