मोहन सरकार के 2 साल पूरे: 6 लाख को मिली जॉब, 3 साल में 20 लाख को मिलेगी नौकरियां
मध्यप्रदेश में मोहन सरकार ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर सरकार ने बीते दो वर्षों की उपलब्धियां गिनाते हुए आने वाले तीन वर्षों के लिए अपना स्पष्ट रोडमैप भी सामने रखा है।
मध्यप्रदेश में मोहन सरकार ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर सरकार ने बीते दो वर्षों की उपलब्धियां गिनाते हुए आने वाले तीन वर्षों के लिए अपना स्पष्ट रोडमैप भी सामने रखा है। सरकार का कहना है कि अगले चरण में रोजगार सृजन, शहरी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार उसकी प्राथमिकता रहेगा।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। चाहे सरकारी क्षेत्र हो या निजी, हर स्तर पर नौकरियों के नए अवसर तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का दावा है कि पिछले दो वर्षों में करीब 6 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है। वहीं, आगामी तीन वर्षों में 20 लाख युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य तय किया गया है।
सरकारी विभागों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कई विभागों में भर्ती से जुड़े विज्ञापन भी जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी, जिनके जरिए करीब 30 हजार नए उद्यमियों को आर्थिक और तकनीकी सहायता देने की योजना है।
शहरी विकास के मोर्चे पर भी सरकार ने बड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग प्रदेश के 38 शहरों के जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार करेगा। महानगर क्षेत्र कानून लागू किया जाएगा, टीडीआर पोर्टल का विस्तार होगा और टीओडी नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। साथ ही सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए एकीकृत मास्टर प्लान के आधार पर विकास कार्य किए जाएंगे।
भूमि और नियोजन से जुड़े सुधारों में नक्शाविहीन गांवों का डिजिटलीकरण, भू-अर्जन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करना और नई आबादी की भूमि का चिन्हांकन शामिल है। इसके अलावा विश्वास-आधारित डायवर्ज़न प्रक्रिया को भी लागू करने की तैयारी है।
शिक्षा के क्षेत्र में जनजातीय इलाकों पर खास फोकस रखा गया है। हर जनजातीय विकासखंड में सांदीपनि स्कूल, एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने की योजना बनाई गई है। इससे आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, जल जीवन मिशन को लेकर सरकार ने बड़ा दावा किया है। केंद्र सरकार ने इस मिशन की समयसीमा दिसंबर 2028 तय की है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इसे मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। सरकार का कहना है कि जल आपूर्ति के संचालन और रखरखाव के लिए मजबूत व्यवस्था बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्या न आए।