Cheetah Project को झटका: कूनो नेशनल पार्क में घायल मादा चीता ‘नाभा’ की मौत, जानें वजह
मध्य प्रदेश के कूना नेशनल पार्क में मादा चीता नाभा 11 जुलाई को घायल मिली। अलग बाड़े में शिफ्ट कर उपचार शुरू किया, लेकिन 12 जुलाई की मौत हो गई।
Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ‘नाभा’ की मौत
Kuno National Park Cheetah death: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर सामने आई है। पिछले दिनों घायल अवस्था में मिली मादा चीता ‘नाभा’ की मौत हो गई। नाभा की यह मौत मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी चीता प्राजेक्ट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले दो सालों में यहां कई नामीबियायी चीतों की असमय मौत हुई है।
पार्क प्रबंधन के मुताबिक, चीता नाभा 11 जुलाई को पार्क के कोने में घायल मिली थी। वन कर्मचारियों ने उसे अलग बाड़े में शिफ्ट कर उपचार शुरू कराया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया नहीं जा सका। नाभा ने 12 जुलाई की सुबह दम तोड़ दिया।
कैसे हुई नाभा की मौत?
वन विभाग के मुताबिक, चीता नाभा के शरीर पर गहरे घाव और खरोंच के निशान थे। अधिकारियों ने किसी अन्य चीते से झड़प (आपसी संघर्ष) होने की आशंका जताई है। यह भी संभव है कि शिकार के दौरान वह घायल हुई हो।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
फिलहाल, फॉरेस्ट मेडिकल टीम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। पीएम रिपोर्ट से मौत की असली वजह सामने आने की संभावना है। विशेषज्ञों ने बताया कि कूना नेशनल पार्क में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सीमित जगह के चलते चीतों के बीच आपसी संघर्ष के मामले बढ़ गए हैं।
कौन थी मादा चीता ‘नाभा’?
- भारत में लगभग विलुप्त हो चुके चीतों को फिर से बसाने के लिए मोदी सरकार ने ‘प्रोजेक्ट चीता’लॉल्च किया। इसी चीता प्रोजेक्ट के तहत नाभा को नामीबिया से भारत लाया गया था। नाभा को कूनो नेशनल पार्क में फरवरी 2023 में छोड़ा गया था। तब से वह पार्क के वातावरण में पूरी तहर से ढल गई थी।
- फारेस्ट कर्मचारियों ने बताया कि नाभा शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत व सक्रिय थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसकी मूवमेंट में बदलाव देखने को मिल रहा था।
कूनाे में अब तक कितने चीतों की मौत?
कूना नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता के तहत दो चरणों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीता लाए गए, लेकिन अब तक 11 चीतों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में मादा और नर दोनों चीते शामिल हैं। इन मौतों के पीछे, बीमारी, आपसी संघर्ष, प्रबंधन में कमी सहित अन्य प्राकृतिक कारण भी हैं।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, नाभा की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेषज्ञों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था। फिलहाल, घटना की जांच की जा रही है। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।