इंदौर में किसानों का बड़ा प्रदर्शन: MSP पर सोयाबीन खरीदने की उठाई मांग, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का विरोध
इंदौर में किसानों का बड़ा प्रदर्शन, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का विरोध और सोयाबीन की MSP पर खरीदी की मांग। जानें रैली का पूरा रूट और मुद्दे।
MP News: मध्य प्रदेश के मालवा अंचल में किसानों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का रुख किया है। किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली के साथ इंदौर शहर पहुंच रहे हैं। यह प्रदर्शन सरकार के ग्रीनफील्ड कॉरीडोर व भावांतर भुगतान योजना को लेकर किया जा रहा है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी चाहते हैं। इसके लिए कई किसान संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें, किसानों की ट्रैक्टर रैली हातोद से शुरू होकर गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर चौराहा और नावदा पंथ मार्ग से होते हुए सिरपुर तालाब पहुंची। इसके बाद पैदल मार्च करते हुए सिरपुर तालाब, किसान चंदन नगर, लाबरिया भेरू और महू नाका मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम रोशन रॉय को ज्ञापन सौंपा है।
शहर में ट्रैक्टर की नो इंट्री पर जताई नाराजगी
ट्रैक्टर की शहर में इंट्री न मिलने से किसान नाराज हुए हैं। दरअसल किसान शहर के भीतर ट्रैक्टर के साथ प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन की अनुमति न मिलने के बाद उन्होंने मजबूरी में ट्रैक्टर को सिरपुर तालाब के पास पार्किंग में खड़ा किया है। इसके बाद वे पैदल कलेक्ट्रेट की तरफ बढ़ गए। किसान रैली को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने हर चौराहे पर ट्रैफिक जवान तैनात किए हैं। रैली मार्ग सीधा होने के कारण फिलहाल ट्रैफिक डायवर्ट नहीं किया गया है। पुलिस सतर्कता पूर्वक पूरे किसान आंदोलन पर नजर रख रही है।
ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का विरोध
किसान इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड कॉरिडोर परियोजना से नाराज हैं। उनका कहना है कि इससे कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का रकबा कम होगा। दरअसल, परियोजना के लिए 188 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। इससे सांवेर और हातोद तहसीलों के करीब 20 गांव तथा उज्जैन जिले के आठ गांव प्रभावित हो रहे हैं।
योजना के लिए सर्वे नहीं हुआ
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने इस योजना के लिए सर्वे व आकलन का काम नहीं किया है। इस योजना के तहत किसानों की बहुमुल्य भूमि सड़क निर्माण में चली जाएगी। यही कारण है कि किसान संगठित होकर इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि योजना सिंहस्थ महाकुंभ के लिए बनाई जा रही है, लेकिन जब उज्जैन जाने के लिए पहले से ही कई मार्ग हैं तो उन्हें चौड़ा कर यह उद्देश्य पूरा किया जा सकता है और कृषि योग्य जमीन भी बच जाएगी।
सोयाबीन को MSP पर खरीदने की मांग
भावांतर भुगतान योजना का विरोध करते हुए किसान सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने की मांग कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार लगातार नीतियों और योजनाओं को लेकर हमारी अनदेखी कर रही है। उनका कहना है कि “सरकार योजनाएं तो बना देती है, लेकिन अन्नदाता की स्थिति को समझने की कोशिश नहीं करती। जिसकी वजह से हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।