मालवा-निमाड़ को सौगात: इंदौर-खंडवा लाइन और नीमच-रतलाम दोहरीकरण से बदलेगा ट्रांसपोर्ट
मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र को रेलवे ने दो बड़ी सौगात दी है। इंदौर-खंडवा नई रेल लाइन और नीमच-रतलाम दोहरीकरण से यातायात, व्यापार और रोजगार में तेजी आएगी। जानिए पूरी जानकारी।
Railway Project in MP : मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र को रेलवे की दो बड़ी सौगातें मिलने जा रही हैं। एक ओर जहां नीमच से रतलाम रेल लाइन का दोहरीकरण अंतिम चरण में है, वहीं इंदौर-खंडवा नई रेल लाइन परियोजना को वन विभाग से NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मिल गई। यह दोनों प्रोजेक्ट क्षेत्र के विकास के लिहाज से बेहद महत्वमूर्ण हैं।
नीमच-रतलाम रेल दोहरीकरण और इंदौर-खंडवा रेललाइन से आसपास के कई जिलों में रेलवे नेटवर्क बेहतर होगा। इससे व्यापार, उद्योग और रोजगार को भी नया आयाम मिलेगा।
इंदौर-खंडवा रेल परियोजना: उत्तर-दक्षिण से सीधा संपर्क
इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजना को लेकर सालों से लंबित बड़ी अड़चन दूर हो गई है। वन विभाग ने 454 हेक्टेयर वन भूमि पर निर्माण के लिए NOC जारी कर दी है। रेलवे अब इस परियोजना को तेजी से पूरा कर सकेगा।
इंदौर-खंडवा रेल परियोजना क्यों जरूरी है?
- यह रेल मार्ग उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा मार्ग होगा।
- इंदौर सीधे मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, नासिक जैसे शहरों से जुड़ जाएगा।
- मालवा क्षेत्र में व्यापारियों, किसानों और आम यात्रियों को यात्रा समय और लागत दोनों में बचत होगी।
इंदौर-खंडवा रेल प्रोजेक्ट से क्या फायदा?
इंदौर से खंडवा के बीच मीटर गेज के हिसाब से महज 48 किमी की दूरी है, लेकिन पातालपानी से बलवाड़ा तक 32 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाने के बाद यह दूरी बढ़कर 80 किमी हो जाती है। यानी नई रेललाइन बनने से 32 किमी चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
नीमच-रतलाम रेल लाइन दोहरीकरण और विद्युतिकरण
- रेलवे की 1100 करोड़ रुपए की लागत वाली नीमच-रतलाम रेल लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण लगभग पूरा हो चुका है। यह काम तीन चरणों में हुआ है। पहले चरण में नीमच से दलोदा, दूसरे चरण में दलौदा से बड़ायला चौरासी और तीसरे चरण में बड़ायला चौरासी से रतलाम तक।
- नीमच-रतलाम रेल लाइन में पड़ने वाले स्टेशनों पर अब नए प्लेटफॉर्म, पैसेंजर वेटिंग एरिया, पैनल रूम आदि का कार्य चल रहा है। 2026 तक ट्रेन संचालन की उम्मीद है। इससे न सिर्फ यात्री ट्रेनों की संख्या और गति बढ़ेगी, बल्कि मालगाड़ियों की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ेगी। रतलाम, मंदसौर, और नीमच की जीडीपी और रोजगार में सुधार होगा।
- रेलवे जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि जब भी रेलवे प्रोजेक्ट पूरा होता है, इसका व्यापक असर यात्री सुविधा, माल ढुलाई और स्थानीय रोजगार पर पड़ता है। इससे उत्तर-दक्षिण भारत के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा। मालवा के किसानों और उद्योगों को नए बाजार मिलेंगे। रेलवे की राजस्व आय में वृद्धि और यात्रियों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
FAQ
Q. इंदौर-खंडवा रेल लाइन कब तक पूरी हो सकती है?
A: वन विभाग से अनुमति मिल चुकी है, अब निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। अनुमान है कि 2026 तक पूरा हो सकता है।
Q. नीमच-रतलाम दोहरीकरण का काम किस चरण में है?
A: अधिकांश ट्रैक बिछ चुका है, स्टेशन सुविधाओं का कार्य अंतिम चरण में है। दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है।
Q. क्या इन प्रोजेक्ट्स से रोजगार बढ़ेगा?
A: हां, स्थानीय औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को फायदा होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
Q. क्या यह मार्ग दक्षिण भारत को सीधे जोड़ेगा?
A: जी हां, इंदौर-खंडवा-अकोला रूट दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा मार्ग होगा।