खुशखबर: ड्राइवर-क्लीनर्स कॉर्पोरेट की तर्ज पर मिलेंगी सुविधाएं; बनेंगे नए ड्यूटी नियम

मध्य प्रदेश में ड्राइवर-क्लीनर्स का ड्यूटी 8-9 घंटे निर्धारित होगा। परिवहन विभाग ने सड़क हादसे रोकने यह प्रभावी कदम उठाने जा रहा है। जानें प्रमुख फायदे?

By :  Desk
Updated On 2025-07-13 19:16:00 IST

ड्राइवर-क्लीनर्स अब कॉर्पोरेट की तर्ज पर करेंगे ड्यूटी; सरकार बना रही नए नियम

Driver Duty Hours Rules : बस, ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर है। मध्य प्रदेश सरकार उनकी ड्यूटी नियमों को लेकर सख्त नियम लागू करने जा रही है। इससे न सिर्फ उनकी सेहत और पारिवारिक जीवन में सुधार आएगा। बल्कि सड़क हादसों में भी कमी आएगी। प्रस्तावित नियमों के मुताबिक, ड्राइवर-क्लीनर के लिए कॉर्पोरेट की तर्ज पर 8-9 घंटे ड्यूटी टाइम, रेस्ट और साप्ताहिक अवकाश जैसी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। 

शुक्रवार को इंदौर में हुई मोटर ट्रांसपोर्ट नियोजकों की कार्यशाला में इस मुद्दे को लेकर गहन चर्चा हुई। इसमें बताया गया कि ड्राइवर-क्लीनर अभी 12 से 15 घंटे ड्यूटी करते हैं। कई बार नींद पूरी नहीं और हादसे हो जाते हैं। विशेषज्ञों ने उनके लिए प्रॉपर ड्यूटी विश्राम का समय निर्धारित करने का सुझा दिया।

कार्यशाला में आए प्रमुख सुझाव

  • ड्राइवर-क्लीनर के लिए तय होगा ड्यूटी और विश्राम का समय
  • अत्यधिक थकान और नींद की कमी से बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं
  • ड्राइवर-पैसेंजर मैनेजमेंट सिस्टम का होगा भविष्य में उपयोग
  • एआईसीटीएसएल और परिवहन विभाग की साझा पहल
  • मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने की तैयारी

काम के घंटे तय करने से क्या होगा असर?

विशेषज्ञों ने बताया कि लगातार लंबे समय तक वाहन चलाने से ड्राइवरों में थकान, तनाव और नींद की कमी होती है। यह दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनता है। अब जब कार्य के घंटे तय होंगे और पर्याप्त विश्राम मिलेगा, तो हादसे कम होंगे और ड्राइवरों की सेहत भी बेहतर रहेगी।

ड्राइवर और पैसेंजर मैनेजमेंट सिस्टम एंट्री

एआईसीटीएसएल (AICSTSL) के अधिकारी अमित चहल ने बताया, भविष्य में ट्रांसपोर्ट सिस्टम में Driver & Passenger Management System लागू किया जाएगा। इससे समय पर विश्राम, लोकेशन ट्रैकिंग और थकान प्रबंधन संभव हो सकेगा। इस पर एक विशेष प्रस्तुति भी दी गई।

परिवहन विभाग का क्या कहना है?

परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा, सड़क हादसों की रोकथाम के लिए यह निर्णायक पहल है। सभी ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का पालन करना होगा।

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