DFO नेहा श्रीवास्तव Vs विधायक अनुभा मुंजारे: रिश्वत मांगने के आरोपों से मचा बवाल, दो सदस्यीय जांच समिति गठित
बालाघाट की कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे और DFO नेहा श्रीवास्तव आमने-सामने। डीएफओ ने रिश्वत मांगने और धमकाने का लगाया आरोप, विधायक ने पलटवार करते हुए पति को बचाने की चाल बताया। अब बनेगी जांच कमेटी।
DFO नेहा श्रीवास्तव Vs विधायक अनुभा मुंजारे।
mp news: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक विवाद सामने आया है। यहां वन विभाग की डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) नेहा श्रीवास्तव ने कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे पर 2-3 लाख रुपए की डिमांड और धमकाने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं विधायक ने इसे झूठा करार देते हुए कहा कि डीएफओ अपने पति को बचाने के लिए झूठी कहानी बना रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि 16 अगस्त को बालाघाट के वन विश्राम गृह में विधायक ने उनसे मुलाकात कर रिश्वत मांगी। जब उन्होंने इनकार किया तो न केवल गाली-गलौज की गई बल्कि परिवार को टारगेट करने और जिले से ट्रांसफर कराने की धमकी भी दी गई। नेहा श्रीवास्तव का आरोप है कि इस दौरान विधायक का निजी सहायक (जो उनका भतीजा भी बताया जा रहा है) भी मौजूद था और उसने भी अभद्र व्यवहार किया।
विधायक का पलटवार
कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब बाघ की मौत के मामले से ध्यान भटकाने की चाल है। उनका आरोप है कि लालबर्रा के सोनेवानी में मादा बाघ की मौत के मामले में डीएफओ के पति अधर गुप्ता पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। विधायक ने चेतावनी भी दी कि अगर उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाया गया तो वह आमरण अनशन पर बैठेंगी।
जांच समिति गठित
मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग ने दो सदस्यीय जांच समिति बनाई है।
- कमलिका मोहंता (APCCF, 1997 बैच)
- अंजना सुचिता तिर्की (CF, 2010 बैच)
इन अधिकारियों को दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
कौन हैं DFO नेहा श्रीवास्तव?
नेहा श्रीवास्तव 2015 बैच की भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी हैं। उन्होंने UPSC IFS परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की थी। वह आज बालाघाट जिले में डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में कांग्रेस विधायक पर लगाए गए आरोपों की वजह से वह सुर्खियों में आ गई हैं।