Coldrif कफ सिरप मामला: DGHS ने राज्यों को दी कड़ी जांच की चेतावनी, दोषियों पर होगी कार्रवाई

कोल्ड्रिफ सिरप से 20 बच्चों की मौत के बाद DGHS ने सभी राज्यों को दवा गुणवत्ता जांच का आदेश दिया। छिंदवाड़ा में चार नई मौतें दर्ज।

Updated On 2025-10-08 20:58:00 IST

DGHS ने राज्यों को दी कड़ी जांच की चेतावनी, दोषियों पर होगी कार्रवाई

Coldrif syrup Tragedy: देश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दवा निर्माण और वितरण प्रणाली की कड़ी जांच करने का निर्देश दिया है। रिपोर्टों में पाया गया है कि छिंदवाड़ा में बेचे गए कोल्ड्रिफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अनुमेय सीमा से 500 गुना अधिक थी। बीते 24 घंटों में चार और बच्चों की मौत हुई है, जबकि छह की हालत गंभीर है।

 निर्माताओं पर सख्त निगरानी

DGHS ने औषधि नियम 74(सी) और 78(सी)(ii) के अनुपालन पर विशेष बल दिया है। निर्देश में कहा गया है कि हर बैच का कठोर परीक्षण, रिकॉर्ड रखरखाव और केवल अनुमोदित विक्रेताओं से ही कच्चे माल की खरीद सुनिश्चित की जाए।

नियामक ने स्पष्ट किया है- "कोई भी निर्माता बिना परीक्षण रिपोर्ट के बैच रिलीज न करे।"

 छिंदवाड़ा त्रासदी: जांच और गिरफ्तारी

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई मौतों के बाद तमिलनाडु स्थित कोल्ड्रिफ निर्माता कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया है। जांच में सामने आया कि गुणवत्ता नियंत्रण में गंभीर खामियां थीं और बिना सुरक्षा प्रमाणन के सिरप बाजार में बेचे गए।

डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर उनका क्लिनिक सील कर दिया गया है। हालांकि, IMA ने दवा कंपनी और नियामक निकायों को मुख्य दोषी बताया है।

प्रशासनिक कार्रवाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने औषधि निरीक्षक गौरव शर्मा, शरद कुमार जैन और शोभित कोष्टा को निलंबित कर दिया है। औषधि नियंत्रक दिनेश मौर्य का तबादला किया गया है। 19 सिरप नमूनों में से 10 की जांच रिपोर्ट आई है, जिनमें एक नमूना घटिया गुणवत्ता का पाया गया।

राज्यों की त्वरित कार्रवाई

राजस्थान: घर-घर सर्वेक्षण और जन-जागरूकता अभियान, कुछ कफ सिरप पर प्रतिबंध।

  • उत्तर प्रदेश: कोल्ड्रिफ और संबंधित उत्पाद जब्त।
  • महाराष्ट्र: सिरप बैच SR-13 की बिक्री और वितरण पर रोक।

राजनीतिक और जन प्रतिक्रिया

जनता में आक्रोश है। सचिन पायलट ने न्यायिक जांच की मांग की, जबकि विपक्ष ने मध्यप्रदेश सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह राज्यों में जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू करने की पुष्टि की है।

DGHS की अपील

DGHS ने सभी दवा निर्माताओं से अपील की है कि वे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और गुणवत्ता नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन करें। यह त्रासदी भारत की दवा निगरानी प्रणाली में सुधार की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है।

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