भोपाल में मैरिज सर्टिफिकेट अब ऑनलाइन मिलेंगे, घर बैठे कर सकेंगे आवेदन

भोपाल के नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है। अब मैरिज सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Updated On 2025-12-19 11:14:00 IST

भोपाल के नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है। अब मैरिज सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भोपाल नगर निगम ने विवाह पंजीयन को पूरी तरह ऑनलाइन करने की पहल शुरू कर दी है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद लोग घर बैठे ही शादी का रजिस्ट्रेशन और डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।

इस संबंध में निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी जरूरी प्रक्रियाएं जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिकों को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध सेवा मिलनी चाहिए।

कैसे मिलेगी ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट की सुविधा?

कमिश्नर संस्कृति जैन के अनुसार, विवाह पंजीयन की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। आवेदकों को नगर निगम की वेबसाइट पर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके बाद संबंधित वार्ड में पदस्थ निगम कर्मचारी अपलोड किए गए दस्तावेजों के आधार पर स्थल पर जाकर पंचनामा और भौतिक सत्यापन करेंगे। सत्यापन पूरा होते ही डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा, जिसे आवेदक ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे।

इस नई व्यवस्था से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों को निगम कार्यालय में बार-बार आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी।

आवेदन से लेकर सर्टिफिकेट तक की प्रक्रिया

  1. सबसे पहले नगर निगम की वेबसाइट www.bmconline.gov.in पर जाएं।
  2. होमपेज पर Citizen Services विकल्प पर क्लिक करें।
  3. यहां Marriage Registration Form भरें और सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करें।
  4. दस्तावेज अपलोड करने के बाद ₹1100 की ऑनलाइन फीस का भुगतान करें।
  5. सत्यापन पूरा होने के बाद डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।

कौन-कौन से दस्तावेज होंगे जरूरी?

  1. दूल्हा और दुल्हन का आधार कार्ड
  2. माता-पिता और गवाहों के आधार कार्ड
  3. शादी का कार्ड
  4. विवाह स्थल का प्रमाण पत्र

जरूरत पड़ने पर मैरिज शाखा के अधिकारी केवल दूल्हा-दुल्हन को ही कार्यालय बुलाएंगे, जबकि जोनल अधिकारी और एएचओ आवेदक के घर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे।

अन्य निर्देश भी दिए गए

बैठक के दौरान कमिश्नर संस्कृति जैन ने साफ कहा कि 50 दिनों से अधिक कोई भी शिकायत लंबित नहीं रहनी चाहिए। तय समय में शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने संपत्ति कर, बकाया कर और लीज रेंट की वसूली बड़े बकायादारों से सख्ती से करने के निर्देश भी दिए।

Tags:    

Similar News