इंदौर नगर निगम: 12वीं की छात्रा अनन्या बनीं 'मेयर', साझा किए अनुभव; जानें क्या कहा?
इंदौर में 12वीं की छात्रा अनन्या वाधवानी को एक दिन का मेयर बनने का अवसर मिला। जानिए कैसे एक सवाल ने उन्हें इस जिम्मेदारी तक पहुँचाया और उन्होंने क्या सीखा।
इंदौर नगर निगम: 12वीं की छात्रा अनन्या बनीं अंतरिम मेयर, जानें क्या सीखा?
Indore Municipal Corporation initiative : मध्य प्रदेश में इंदौर नगर निगम ने प्रेरणादायक पहल शुरू की है। महौपर पुष्यमित्र भार्गव ने रविवार (13 जुलाई 2025) को 12वीं की छात्रा अनन्या वाधवानी को एक दिन का ‘अंतरिम मेयर’बनाकर शहर की शासन व्यवस्था समझने का मौका दिया। अनन्या को इस दौरान न केवल नगर प्रशासन की बारीकियों से रूबरू कराया, बल्कि उन्हें मानवता, नेतृत्व और संवेदनशीलता के मूल्य भी सिखाए।
सीखने का मौका नहीं, एक जीवन पाठ था
- अनन्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, यह अनुभव अभिभूत कर देने वाला है। मैं सुबह 9 बजे मेयर सर से मिली तो वे नाश्ते के समय भी बैठक कर रहे थे। मैं दूसरी बार जब उनके कार्यालय गई तो वे गंभीर चर्चा में व्यस्त थे।
- अनन्या ने बताया कि कैसे उन्होंने देखा कि दो दिव्यांग महिला एथलीटों को पैरा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए आर्थिक मदद की ज़रूरत थी और मेयर ने तुरंत उस पर निर्णय लिया।
नेतृत्व के सबक: जवाबदेही और संवेदना
अनन्या ने कहा, मेरे लिए यह सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी का अनुभव नहीं है, बल्कि खुद को सुधारने और नेतृत्व के मूल्यों को समझने का पहला कदम है। अनन्या ने इस दौरान मैंने महसूस किया कि एक नेता कैसे अपने कार्यभार के प्रति समर्पित रहता है। चाहे समय और परिस्थतियां कैसी भी हों।
कैसे मिला मौका? एक सवाल ने बदली दिशा
अनन्या को अंतरिम मेयर बनने का यह मौका एक स्कूल कार्यक्रम के दौरान मिला। महापौर पुष्यमित्र भार्गव उनके स्कूल में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अनन्या ने इस दौरान उनसे सबसे बड़ी सीख और चुनौती के बारे में पूछा। महापौर भार्गव अनन्या के सवाल से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्हें एक दिन का मेयर बनाने का मौका दे दिया।
इंदौर की यह पहल देश भर के लिए प्रेरणा
इंदौर नगर निगम की यह पहल बताती है कि युवाओं को प्रशासन से जोड़ने और उनमें नेतृत्व विकसित करने के लिए ऐसी जिम्मेदारियाँ कितनी प्रभावी हो सकती हैं।