अब वेटनरी सर्जन ने उठाए सिस्टम पर सवाल: बोले, मेरी जगह कोई और होता तो अब तक कर लेता सुसाइड

हरियाणा में आईजी पूरन कुमार व एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड के बाद अब प्रॉपर्टी डीलरों से परेशान फतेहाबाद के वेटनरी सर्जन ने सिस्टम पर सवाल उठा दिए हैं।

Updated On 2025-10-16 20:50:00 IST
अपने खेतों में डॉ. जगत पाल। 

हरियाणा के फतेहाबाद के गांव नागपुर में कार्यरत वेटनरी सर्जन ने डॉ. जगत पाल ने प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा धोखे से अपनी कृषि भूमि कब्जाने से परेशान होकर सिस्टम पर सवाल उठा दिए हैं। इससे पहले प्रदेश के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए सात अक्टूबर को आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार व 14 अक्टूबर को रोहतक के एएसआई संदीप लाठर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। प्रदेश में दो पुलिस अधिकारियों के सुसाइड का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब प्रॉपर्टी डीलरों से परेशान वेटनरी सर्जन ने कहा कि यदि उसकी जगह कोई और होता तो शायद कभी का आत्महत्या कर चुका होता। वीडियो में वेटनरी सर्जन ने कहा कि मैने हथियार नहीं डाले हैं, मैं लड़ रहा हूं, मगर देखते हैं कब तक चलेगा। जब थाने से एसपी व सीएम तक शिकायत करने के बाद एक प्रथम श्रेणी का न्याय नहीं मिला तो फिर आम आदमी सुनवाई कहां होती होगी।

28 मिनट 33 सैकेंड का वीडियो

अपने 28 मिनट 33 सैकेंड के वीडियो में वेटनरी सर्जन डॉ. जगत पाल ने कहा प्रॉपर्टी डीलरों ने धोखे से मेरे पिता की मौत के बाद मेरी कृषि जमीन कब्जा ली। मैंने थाने से लेकर एसपी व सीएम तक सभी को शिकायत दी, परंतु कहीं से भी न्याय नहीं मिला। गांव नागपुर के पशु अस्पताल में कार्यरत डॉ. पाल वीडियो में कह रहे हैं कि हररोज 100 से 150 फोन पशुपालकों के सुनते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान भी बताते हैं। जब एक प्रथम श्रेणी अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो आम आदमी की कहां सुनवाई होती होगी। उन्होंने बताया कि गांव ढींगसरा में उनकी 16 एकड़ तीन कनाल जमीन थी। 2003 में उनके पिता की मौत के बाद यह जमीन पांच हिस्सों में बंट गई। अब करीब साढ़े 9 एकड़ जमीन उनके, उनके भाई राजपाल और मां लीला देवी के नाम है, उनका संयुक्त खाता है। धोखे से जमीन को बिकवा कर रजिस्ट्री करवा ली गई।

बेदखल भाई को बना लिया गवाह

डॉ. जगत पाल ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री करवाते समय उसके छोटे भाई सुभाष चंद्र को गवाह बनाया गया है। जिसे पहले ही बेदखल किया हुआ है। जमीन की रजिस्ट्री से पहले तहसीलदार के पास आपति दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद भी 28 मार्च को जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। प्रॉपर्टी डीलरों से मिलीभगत कर दो लोगों ने रजिस्ट्री करवाई हुई है। जब रजिस्ट्री से एक सप्ताह पहले उन्हें पता चला तो तहसीलदार के पास आपत्ति दर्ज करवा दी गई थी। अब इंतकाल रोकने के लिए एसडीएम कोर्ट में केस चल रहा है। खरीददार कोर्ट से रजिस्ट्री पर स्टे ले आए और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।

मेरे साथ धोखाधड़ी हुई, परंतु न्याय नहीं मिला

डॉ. जगत पाल ने अपने वीडियो में कहा कि लोग ऐसे हालातों में ही अक्सर सुसाइड करते हैं। मैंने भट्टू कलां थाने, एसपी व सीएम को शिकायत कर न्याय मांगा। पुलिस ने दीवानी केस बताकर मामला रफा-दफा कर दिया। मैं फिर भी सिस्टम से लड़ रहा हूं, मगर क्या हो रहा है, यह समझ नहीं आ रहा है। मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है, लेकिन कहीं न्याय नहीं मिल रहा है। जब डॉक्टर के साथ ऐसे पेश आ रहे हैं, तो आम आदमी के साथ कैसा व्यवहार होता होगा।

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