चमत्कार: जींद में खाप उपप्रधान के घर 19 साल बाद बेटी जन्मी, 21 गांवों को न्योता
हरियाणा के जींद में खाप के उपप्रधान के घर शादी के 19 साल बाद बेटी का जन्म हुआ। खुशी में उन्होंने 21 गांवों को न्योता दिया। करीब आठ हजार लोग भोज में शामिल हुए।
जींद के थुआ गांव में शादी के 19 साल बाद बेटी का जन्म होने पर खुशियां मनाता परिवार।
चमत्कार : हरियाणा के जींद जिले के उचाना हलके के गांव थुआ में मंगलवार को जबरदस्त खुशी का माहौल देखने को मिला। शादी के 19 साल बाद एक दंपती के घर बेटी का जन्म हुआ। संतान सुख के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे सुरेंद्र और उनकी पत्नी कृष्णा ने जब उम्मीद छोड़ दी थी, उसी वक्त किस्मत ने उन्हें सबसे अनमोल तोहफा दे दिया। बेटी के आगमन की खुशी में दंपती ने थुआ तपे के 21 गांवों को न्योता देकर भव्य जश्न का आयोजन किया।
बेटी के लिए कुआं पूजन की रस्म की
10 जुलाई 2025 को जन्मी इस बच्ची का नाम भूमि रखा गया। नॉर्मल डिलीवरी से जन्मी भूमि के स्वागत में वह सारी रस्में निभाई गईं, जो आमतौर पर बेटे के जन्म पर होती हैं। महिलाओं ने सिर पर मटका रख झूमते-नाचते हुए कुआं पूजन की रस्म पूरी की। डीजे की धुन पर रिश्तेदार और महिलाएं देर तक थिरकते रहे। गांव के स्कूल में लगे बड़े पंडाल में हलवा-पूरी समेत कई व्यंजनों का करीब आठ हजार लोगों ने स्वाद चखा।
कई बार झेलना पड़ा गर्भपात
सुरेंद्र और कृष्णा की शादी 9 जून 2006 को झील गांव में हुई थी। विवाह के बाद लंबे समय तक संतान न होने पर उन्होंने कई जगह से इलाज कराया। लेकिन बार-बार गर्भधारण के बावजूद बच्चा गर्भ में विकसित नहीं हो पाता था और दूसरे या तीसरे महीने में गर्भपात हो जाता था। सुरेंद्र के अनुसार, डॉक्टरों ने कृष्णा के ब्लड ग्रुप को इसकी प्रमुख वजह बताया, जिससे संतान प्राप्ति की संभावना बेहद कम थी।
गोद लिया था भाई का बेटा
समय के साथ समाज के ताने बढ़ने लगे। आखिरकार सुरेंद्र ने अपने बड़े भाई के बेटे सचिन को गोद ले लिया। सचिन अब पांच साल का है और परिवार का हिस्सा है। लेकिन एक साल पहले कृष्णा फिर से गर्भवती हुईं और इस बार शुरुआती महीनों में कोई दिक्कत नहीं आई। सावधानी बरतते हुए उन्होंने गर्भावस्था पूरी की और आखिरकार 10 जुलाई को बेटी भूमि का जन्म हुआ।
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21 गांवों को न्योता, 24 खाप प्रधान भी पहुंचे
खुशी में थुआ तपा के सभी 21 गांवों को बुलाया गया। 8 अगस्त को पत्नी के मायके से पारंपरिक पीलिया रस्म के मौके पर कार्यक्रम रखा गया। इसमें जिले की 24 खापों के प्रधान समेत करीब आठ हजार लोग पहुंचे और नवजात को आशीर्वाद दिया। पूरा गांव ही इस खुशी में इस कद्र तक शामिल हुआ मानो हर घर में बिटिया का जन्म हुआ हो।
बेटा-बेटी में नहीं समझते फर्क
कालीरमण खाप के उपप्रधान और 100 एकड़ से अधिक भूमि की खेती करने वाले सुरेंद्र कहते हैं कि बेटा-बेटी हमारे लिए समान हैं। भूमि के जन्म पर जो खुशी मिली, वह शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। अब सपना है कि बेटा सचिन और बेटी भूमि दोनों को अच्छी शिक्षा दें, ताकि वे समाज में नाम कमा सकें।