Teej Festival 2025: हरियाणा के इस शहर में 3 दिन लगेगा हरियाली तीज का मेला, इस थीम पर रहेगा आधारित

Teej Festival 2025: भिवानी में तीन दिन तक तीज मेला महोत्सव का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं समेत महंत चरणदास महाराज भी शामिल होंगे।

Updated On 2025-07-22 07:40:00 IST

भिवानी में 3 दिन होगा तीज मेला महोत्सव। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Teej Festival 2025: हरियाणा के भिवानी जिले में 3 दिन तक तीज महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर शहर के हनुमान जोहड़ी मंदिर के स्वामी विवेकानंद सभागार में 25 से लेकर 27 जुलाई तक तीज मेला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा बालयोगी महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में किया जाएगा।

क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज ?

हरियाली तीज का त्योहार महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मनाती हैं। तीज के दिन महिलाएं मेंहदी लगाती हैं और साज-श्रृंगार करती हैं। महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े का खास महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पर्व को हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज को सावन तीज, सिंधारा तीज, छोटी तीज और आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। तीज का फेस्टिवल केवल सफल विवाह के इर्द-गिर्द केंद्रित नहीं है, बल्कि महिलाएं बच्चों की खुशी और स्वास्थ्य को लेकर भी कामना करती हैं।  

महोत्सव का क्या उद्देश्य है ?

भिवानी के महंत चरणदास महाराज ने सभी श्रद्धालुओं से महोत्सव में शामिल होने के लिए कहा है। चरणदास महाराज का कहना है कि कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो इसके लिए घर-घर जाकर भी लोगों को निमंत्रण दिया जाएगा, ताकि सभी लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिल सके। महंत चरणदास महाराज ने बताया कि तीज मेला कार्यक्रम आयोजन करने का उद्देश्य नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ लुप्त हो रही संस्कृति को संजोना भी है। इसके अलावा युवाओं और आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म और भारतीय परंपराओं से जोड़ना है।

कार्यक्रम में लोक कलाओं की प्रस्तुति होगी 
भिवानी के महंत चरणदास महाराज का कहना है कि तीन दिवसीय महोत्सव के माध्य़म से आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व के बारे में लोगों को समझाया जाएगा। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक कलाओं की प्रस्तुति और धर्म से जुड़े प्रवचन शामिल होंगे। यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त करेगा, बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में भी अहम योगदान देगा।

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