भिवानी टीचर केस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा: पुलिस का दावा-मनीषा का मर्डर नहीं हुआ, कीटनाशक से सुसाइड किया, नहीं हुआ रेप
पूरे हरियाणा में पिछले 6 दिन से आक्रोश का केंद्र बने टीचर मनीषा मर्डर केस में पुलिस ने हत्या की बात को नकार दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दावा किया है कि मनीषा की मौत कीटनाशक पीने से हुई है। उसका साथ रेप नहीं हुआ है।
भिवानी टीचर केस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा : हरियाणा के भिवानी के चर्चित मनीषा मर्डर केस में सोमवार रात को पुलिस ने पूरी थ्योरी को ही बदल दिया। एसपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा कि मनीषा की मौत कीटनाशक से हुई है। दुराचार और एसिड डालने के कोई निशान नहीं मिले हैं। वहीं, उसके शव को जंगली जानवरों ने नोचा है। वायरल हो रहे सुसाइड नोट की भी एसपी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि हैंडराइटिंग मनीषा से मैच हुई है। अब पुलिस के अनुसार, यह मामला हत्या का न होकर आत्महत्या का बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में अभी भी बहुत सारे सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशे जाने जरूरी हैं।
11 अगस्त को हुई थी लापता, 13 को मिला शव
भिवानी जिले में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा 11 अगस्त को कॉलेज जाने की कहकर गई थी, लेकिन उसके बाद उससे संपर्क नहीं हो पाया। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही व बदसलूकी के आरोप लगाए। मनीषा का शव 13 अगस्त को खेतों से बुरी हालत में बरामद हुआ था। गर्दन बुरी तरह कटी हुई थी, आंखों समेत शरीर के कई हिस्से गायब थे। तब इसे जघन्य हत्या करार देते हुए पूरे हरियाणा के लोग ढिगावा में धरना दे रहे हैं। अब सोमवार को पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस पूरे मामले का रुख ही बदल गया है।
रेप और एसिड अटैक की नहीं हुई पुष्टि
भिवानी के एसपी सुमित कुमार ने बताया कि मेडिकल टीम ने स्पष्ट किया है कि मनीषा की बॉडी से कीटनाशक दवा के तत्व मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पोस्टमॉर्टम के दौरान शरीर पर न तो रेप जैसी ज्यादती के निशान पाए गए और न ही किसी तरह का केमिकल या एसिड का असर। खुले में पड़ी बॉडी की आंख और गले पर जो जख्म मिले, वे जंगली जानवरों के नोचने से हुए। एसपी ने यह भी जोड़ा कि घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच हो चुकी है और वह मनीषा की लिखावट से मैच करती है।
रोहतक PGI में पोस्टमार्टम के लिए बनी स्पेशल कमेटी
पहले मनीषा का भिवानी में पोस्टमार्टम हुआ था। लेकिन परिजनों के संतुष्ट न होने पर रोहतक पीजीआई में दोबारा पोस्टमार्टम हुआ। बिसरा जांच के लिए भी भेजा गया। एमएस डॉ. कुंदन मित्तल ने बताया कि कीटनाशक से युवती की मौत हुई है। गले पर शॉर्प निशान नहीं मिले हैं। कट के निशान जानवर के हो सकते हैं। इस मामले में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. कुंदल मित्तल की अगुवाई में तीन विभागों फोरेंसिक, पैथोलॉजी और मेडिसिन के प्रोफेसरों की एक हाईलेवल कमेटी बनाई गई। यह कमेटी पुलिस की जांच टीम के साथ बैठकर सभी मेडिकल एंगल की बारीकियों पर चर्चा करेगी।
स्कूल के पास से खरीदा था कीटनाशक
पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि मनीषा ने लापता होने वाले दिन ही अपने स्कूल से करीब 200 मीटर दूर स्थित दुकान से कीटनाशक स्प्रे खरीदा था। दुकानदार ने अपने रजिस्टर में इसकी एंट्री भी की है। पुलिस ने दुकानदार से पूछताछ की है और इस एंगल को भी जांच में शामिल किया गया है।
परिवार पुलिस की थ्योरी को नहीं मान रहा
हालांकि पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट में सुसाइड की पुष्टि की जा रही है, लेकिन मनीषा का परिवार और उसके गांव ढाणी लक्ष्मण के लोग इस निष्कर्ष से संतुष्ट नहीं हैं। वे पिछले पांच दिनों से ढिगावा मंडी में धरना दे रहे हैं। परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी इंग्लिश में सुसाइड नोट नहीं लिखती। वह घर से खुशी-खुशी स्कूल के लिए निकली थी। वह नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए पूछताछ करने गई थी। उस पर घर में किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। परिजनों ने कहा कि उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं दिखाया गया।
रोमन में लिखा गया है सुसाइड नोट
पुलिस जिस सुसाइड नोट का दावा कर रही है वह रोमन में लिखा गया है। यानी भाषा तो हरियाणवी है, लेकिन लिखा इंग्लिश में गया है। यह एक कॉपी के पेज पर है, जिस पर किसी का भी नाम नहीं है। पुलिस ने दावा किया है कि लिखावट मनीषा की ही है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यदि सुसाइड नोट मौके से मिला था, तो इसे 5 दिन तक छिपाकर क्यों रखा गया? इसी सवाल को लेकर लोगों ने दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे जाम कर दिया था।
कथित सुसाइड नोट में यह लिखा था
सॉरी मम्मी पापा, मैं मेरी वजह तै आप दोनयां नै प्रॉब्लम मै ना देख सकती। आप दोनयां नै मेरे खातर बहुत कुछ करो और वैसे भी मेरे तै सब दुखी था। मैं सामड़ की जामड़ी के निहाल करूं। अर थाम भी दुखी होरो अर आगला भी दुखी होरा। अर ना मैं गलत थी और ना मन्नै कुछ गलत काम करो। बस मन्नै मेरे पेरेंट्स का ड्रीम पूरा करना था। मन्नै BSc नर्सिंग कर की और NORCET क्रैक कर की एक एक नर्सिंग ऑफिसर बनकै मेरे मम्मी पापा का सपना पूरा करना था। लेकिन मैं आप दोनों पर बोझ नहीं बन सकती। आई एम सॉरी मम्मी पापा, मन्नै कदे आप दोनयां तै हर्ट करा हो तो। एंड यू आर द वर्ल्ड्स बेस्ट पेरेंट्स। थैंक्यू, फॉर गिविंग मी दिस लीजेंड लाइफ। पापा, आई एम थैंकफुल टू गिविंग मी एज ए प्रिंसेस। कोई हो तो प्लीज टेककेयर ऑफ माई पेरेंट्स।
कई सवाल छोड़ रही है पुलिस की थ्योरी
1. परिजनों व ग्रामीणों का सबसे बड़ा सवाल है कि पुलिस ने पांच दिन तक सुसाइड नोट क्यों दबाकर रखा? पहले ही दिन इसे दिखाकर मामले को शांत किया जा सकता था?
2. मनीषा के पिता संजय ने सवाल उठाया है कि उनकी बेटी इस तरह की इंग्लिश में सुसाइड नोट क्यों लिखेगी?
3. मनीषा पर किसी तरह के दबाव से परिजनों ने साफ इंकार किया है तो सुसाइड की क्या वजह रही होगी?
4. बॉडी खाली इलाके में दो दिन से पड़ी थी तो किसी की नजर उस पर क्यों नहीं गई?
5. कुत्तों ने पूरी बॉडी को क्यों नहीं नोचा? गर्दन वाले हिस्से पर ही वार करके कैसे छोड़ दिया?
6. ग्रामीणों का सवाल है कि विपक्ष और जनता के दबाव के चलते कहीं केस को निपटाने के लिए तो यह थ्योरी नहीं बनाई गई?
7. सुसाइड नोट को सच माना जाए तो मनीषा किस प्रॉब्लम की बात कर रही है? कौन है वो अगला?