Haryana sugar mills: सात प्लांट लगाकर गन्ने की खोई से बनाएंगे गिट्टी, थर्मल प्लांट को देंगे
हरियाणा के शुगर मिलों को घाटे से बचाने के लिए गन्ने की खोई से अब गिट्टी बनाई जाएंगी, जिनका थर्मल प्लांट में इस्तेमाल होगा। वहीं, चीनी के बैग पर ऑनलाइन मार्किंग भी होगी।
हरियाणा की शुगर मिलों की समीक्षा बैठक में मौजूद मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा।
Haryana sugar mills : प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों में गन्ना पेराई के बाद बचने वाली खोई की गिट्टी बनाकर थर्मल पावर प्लांट को आपूर्ति की जाएगी। सात सहकारी चीनी मिलों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी PPP पर प्लांट लगाए जाएंगे। शुगर फेडरेशन जल्द ही विशेष कार्य योजना तैयार करेगा।
चीनी बैग पर होगी ऑनलाइन मार्किंग
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के निर्देश पर अब सहकारी चीनी मिलों में चीनी बैग्स पर ऑनलाइन मार्किंग सुनिश्चित की जाएगी। इससे हर बैग का अपना सीरीयल नंबर, बैच संख्या, चीनी उत्पादन व चीनी भराई की तिथि भी दर्ज होगी। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।
शुगर फेडरेशन व मिलों की समीक्षा बैठक
बुधवार को सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा की अध्यक्षता में शुगर फेडरेशन और इससे जुड़ी सहकारी चीनी मिलों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इसमें सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेन्द्र कुमार, शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक शक्ति सिंह, सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक उपस्थित रहे। अधिकारियों द्वारा विस्तृत तरीके से फेडरेशन व सहकारी चीनी मिलों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई।
अगले वर्ष 343 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य
डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में प्रदेश ही सहकारी चीनी मिलों में निरंतर व्यवस्था सुधार को रफ्तार दी जा रही है। उन्होंने पेराई सत्र वर्ष 2024-25 के दौरान 303.81 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए शत-प्रतिशत गन्ना उत्पादक किसानों को 1210 करोड़ रुपये जारी करने की सराहना की। आगामी पेराई सत्र वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी चीनी मिलों में 343 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है। यही नहीं चीनी मिलों को पेराई सत्र के लिए तैयार करने के मकसद से अब तक 60 प्रतिशत मेंटेनेंस का काम पूरा हो चुका है।
इन जिलों में बनाई जाएगी खोई से गिट्टी
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि सहकारी चीनी मिल करनाल, गोहाना, सोनीपत, जींद, पलवल, महम व कैथल में गन्ना पेराई उपरांत बचने वाली खोई से गिट्टी तैयार करने के लिए पीपीपी मोड पर प्लांट लगाए जाएंगे। इन गिट्टी का बड़ी संख्या में थर्मल पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा। यही नहीं सहकारी चीनी मिल पानीपत में 150 करोड़ रुपये की लागत से एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा, जिसके लिए जल्द टेंडर लगाया जा रहा है।
किसानों को गन्ना उगाने के लिए करें प्रोत्साहित
कैबिनेट मंत्री डॉ. शर्मा ने गन्ने के अधीन घटते क्षेत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में किसानों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए फील्ड में जाएं। पांच साल पुराने गन्ना उत्पादक किसानों को फिर से मिल के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने इसके लिए समय-समय पर अधिकारियों, कर्मचारियों का प्रशिक्षण करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिलों में घाटे को कम करने के लिए बिजली उत्पादन बढ़ाने व अन्य प्रस्तावों पर भी विचार करने के निर्देश दिए। भविष्य में सहकारी चीनी मिलों के टेंडर एक साथ व एक समान नियमों के अनुरूप ही लगाए जाएंगे। वहीं, उन्होंने हार्वेस्टिंग मशीन सब्सिडी पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनवाने के भी निर्देश दिए।
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