सोनीपत में मुर्दे को जिंदा दिखा कर दी रजिस्ट्री, तहसीलदार, नंबरदार व वकील सहित 10 के खिलाफ केस दर्ज

सोनीपत में जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए एक मृत व्यक्ति को जिंदा दिखा दिया गया। पुलिस ने तहसीलदार, नंबरदार, आरसी व वकील सहित 10 पर केस दर्ज किया है।

Updated On 2024-09-17 00:20:00 IST
दलित महिला को ग्रामीणों ने बिजली के खंभे से बांधकर पीटा है।

सोनीपत। गांव गोपालपुर में 1977 में एग्रीमेंट पर खरीदी गई जमीन की खरखौदा तहसील में मृत व्यक्ति की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री करवाने का मामला सामने आया है। मृतक के परिवार की तरफ से गिरदावरी का केस डाला गया था तथा उसका फैंसला आने से पहले ही जमीन की खरीद फरोख्त कर दी गई। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने खरखौदा के तत्कालीन तहसीलदार व आरसी क्लर्क सहित 10 के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल किसी आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। 

  शिकायत में यह लगाया आरोप   

गांव गोपालपुर निवासी पुष्पा ने पुलिस को शिकायत दी। जिसमें बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और जिस व्यक्ति (चंद्रभान) से उनके पिता ने जमीन खरीदी थी। उनकी भी मौत हो चुकी है। रामचंद्र की जगह एक युवक ने उपस्थित होकर तहसील कार्यालय में उसके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन की दूसरे के नाम रजिस्ट्री करवा दी। शिकायत में तत्कालीन तहसीलदार, रजिस्ट्री क्लर्क, वकील व नबंदरदार सहित करीब 10 लोगों पर फर्जीवाड़ा करके जमीन हड़पने का मामला दर्ज कराया है। 

मृतक की जगह आने वाले की अभी तलाश 

शिकायतकर्ता का कहना है कि जो व्यक्ति चंद्रभान के तौर पर पेश हुआ है, उसकी अभी जानकारी नहीं है। उसके अलावा आरोपी तारा देवी, धर्मवीर, अमरकांत वकील, दयानंद नंबरदार, राजेश नजफगढ़, संदीप सांपला, सुंदर सांपला ने आपस में मिलीभगत कर उनके नाम होने वाली जमीन को फर्जी व्यक्ति व दस्तावेज तैयार कर बेच दिया। पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुष्पा का कहना है कि उसके पिता रामकिशन ने गोपालपुर निवासी रामचंद्र से जमीन खरीदी थी।

1977 में किया था ऐल एग्रीमेंट 

जिसका सेल एग्रीमेंट वर्ष 1977 में बनवाकर जमीन पर कब्जा लिया गया था। बाद में रामचंद्र व रामकिशन दोनों का निधन हो गया था। गिरदावरी संबंधी मामला उसके परिवार ने तहसील में डाला हुआ है। जिसका फैसला सितंबर 2023 को सुनाया गया। लेकिन इस फैसले से पहले ही अप्रैल 2023 से सितंबर 2023 के बीच ही कुछ लोगों ने गैरकानूनी तरीके से मिलीभगत करके मृतक चंद्रभान की जगह दूसरे व्यक्ति को खड़ा करके गलत तरीके से झूठे दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री कराई गई। तारा देवी के नाम रजिस्ट्री कराई गई है। शिकायतकर्ता ने मामले की पूरी जांच करते हुए जो भी इस मामले में दोषी है। जिन्होंने कानून का दुरुपयोग किया है और जानबूझकर झूठे दस्तावेज पेश किए हैं, झूठी गवाही दी है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
 

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