सोनीपत में ACB का शिकंजा: 70 लाख की रिश्वत के आरोप में दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर रिमांड पर, क्लर्क को भेजा जेल

इंस्पेक्टर को दिल्ली से जबकि क्लर्क को सोनीपत से पकड़ा गया। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। यह पूरा मामला एक करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग से शुरू हुआ जो बाद में 70 लाख रुपये में तय हुआ।

Updated On 2025-08-04 15:25:00 IST

आरोपी दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर सुनील जैन। 

हरियाणा के सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक बड़े भ्रष्टाचार के मामले का पर्दाफाश कर दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सुनील जैन और एक निजी स्कूल के क्लर्क को 30 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह मामला 70 लाख रुपये की कुल रिश्वत से जुड़ा है। इंस्पेक्टर को दिल्ली से जबकि क्लर्क को सोनीपत से पकड़ा गया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां इंस्पेक्टर सुनील जैन को तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके। वहीं, क्लर्क संदीप को रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया है। 

यह पूरा मामला एक करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग से शुरू हुआ जो बाद में 70 लाख रुपये में तय हुई। सोनीपत के बड़वासनी गांव के निवासी विपिन कुमार ने रोहतक ACB को शिकायत दी थी कि उनके रिश्तेदार प्रवीन लाकड़ा के खिलाफ अलीपुर थाने में दो केस दर्ज हैं। इनमें से एक केस की जांच इंस्पेक्टर सुनील जैन के पास थी। सुनील जैन ने प्रवीन लाकड़ा को केस से नाम हटाने और धाराएं कम करने के बदले एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। बातचीत के बाद यह डील 70 लाख रुपये में तय हुई।

डील की पहली किश्त के तौर पर 30 लाख रुपये लिए जा रहे थे, तभी ACB की टीम ने कार्रवाई की। इंस्पेक्टर सुनील जैन ने पकड़े जाने से बचने के लिए रिश्वत की रकम हरियाणा में मंगवाई, ताकि वह दिल्ली में पकड़े न जा सकें। उन्होंने यह रकम अपने भाई के स्कूल के क्लर्क संदीप के जरिए मंगवाई। ACB की टीम ने संदीप को 30 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और इसके तुरंत बाद इंस्पेक्टर सुनील जैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

दिल्ली में रिश्वत लेने पर पकड़े जाने का खतरा ज्यादा था

इंस्पेक्टर सुनील जैन ने इस मामले में खुद को बचाने के लिए काफी योजना बनाई थी। उन्हें पता था कि दिल्ली में रिश्वत लेने पर पकड़े जाने का खतरा ज्यादा है। इसी वजह से उन्होंने सोचा कि रिश्वत की रकम को दिल्ली से बाहर, यानी हरियाणा में मंगवाया जाए। उनकी यह चालाकी काम नहीं आई। सोनीपत में ACB ने क्लर्क संदीप को पकड़ने के बाद तुरंत दिल्ली में मौजूद इंस्पेक्टर सुनील जैन तक पहुंच बनाई और उन्हें भी धर दबोचा।

आरोपी इंस्पेक्टर पहले भी जा चुका है जेल

यह जानकर हैरानी होगी कि आरोपी इंस्पेक्टर सुनील जैन पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुका है। साल 2014 में भी उसे रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसने करीब 6 साल जेल में बिताए और 2020 में बाहर आने के बाद उसे दोबारा दिल्ली पुलिस में बहाल कर दिया गया था। बहाली के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और एक बार फिर इतने बड़े रिश्वत मामले में फंस गया।

रिमांड में हुए बड़े खुलासे, कई और नाम जांच के घेरे में

क्लर्क संदीप की रिमांड के दौरान ACB को कई अहम सुराग मिले हैं। पूछताछ में संदीप ने बताया कि 70 लाख रुपये की यह रिश्वत कई लोगों में बांटी जानी थी। ACB ने अब इन सभी जानकारियों की गहनता से जांच शुरू कर दी है, जिससे जल्द ही कुछ और बड़े नामों का भी खुलासा हो सकता है। यह मामला सिर्फ दो लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक बड़े भ्रष्टाचार के नेटवर्क की ओर इशारा कर रहा है।

धाराएं हल्की करवाने के लिए मांगे थे रुपये

दरअसल, प्रवीन लाकड़ा का दिल्ली के एक प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण गुप्ता से विवाद चल रहा था, जिसके चलते अलीपुर थाने में दो FIR दर्ज हुई थीं। इन्हीं मामलों से नाम हटवाने और धाराएं हल्की करवाने के लिए इंस्पेक्टर सुनील जैन ने रिश्वत की मांग की थी। विपिन कुमार की शिकायत के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई। रोहतक और सोनीपत की ACB की संयुक्त टीमों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें इंस्पेक्टर प्रमिला के नेतृत्व में एक टीम ने सोनीपत में क्लर्क संदीप को और दूसरी टीम ने दिल्ली में इंस्पेक्टर सुनील को गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

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