सिरसा में 2 लाख की रिश्वत का मामला: अदालत ने तत्कालीन सीआइए इंचार्ज को सुनाई 4 साल कैद व 15 हजार जुर्माने की सजा
सिरसा में सीआईए इंचार्ज अजय कुमार को दो लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में अदालत ने चार साल कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
सिरसा: जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा की अदालत (Court) ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन डबवाली सीआईए इंचार्ज अजय कुमार को चार साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। उल्लेखनीय है कि अजय कुमार को 14 नवम्बर को ही दोषी करार दिया गया था। 14 नवम्बर तक अजय कुमार एटीवी स्टाफ इंचार्ज के तौर पर कार्यरत था। जुर्माना राशि जमा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
आरोपी की 5 बार जमानत याचिका हुई खारिज
मामले के अनुसार स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने दोषी अजय कुमार को 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद जमानत पर जेल से रिहा होने के लिए अजय कुमार ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पांच बार जमानत याचिका लगाई और हर बार न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी। सुक्खा सिंह ने विजिलेंस (Vigilance) निदेशक को शिकायत देकर बताया था कि उसका पिता बलदेव सिंह एनडीपीएस एक्ट में जिला जेल में है। कोरोना संक्रमण के समय उसके पिता को 42 दिनों की पैरोल मिली थी। हार्ट की बीमारी के कारण उसका पिता तय समय पर वापस जेल नहीं जा पाया। इसके बाद उसके पिता का वारंट जारी हो गया था।
सीआईए इंचार्ज ने मांगी थी रिश्वत
सुक्खा सिंह ने बताया कि 15 जून को डबवाली सीआईए इंचार्ज एसआई अजय कुमार उनके घर आया और पिता बलदेव सिंह को पकड़ लिया। अजय कुमार कहने लगा कि पूरे परिवार को धारा 216 में गिरफ्तार करेगा। अगर बचना है तो तीन लाख रुपए देने होंगे। सुक्खा ने अजय कुमार को एक लाख रुपए दे दिए। इसके बाद एसआई अजय कुमार ने सुक्खा से कहा कि एसपी साहब ने कहा है कि दो लाख रुपए और देने होंगे, तभी पूरा परिवार गिरफ्तारी से बचेगा। 5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस ब्यूरो की टीम सिरसा पहुंची और आारोपी अजय कुमार को रिश्वत (Bribe) लेते रंगे हाथ पकड़ कर अदालत में पेश किया।