रोहतक में फाइनेंसरों का कहर: कैफे मालिक पर किया जानलेवा हमला, लाठी डंडों से की जमकर पिटाई 

रोहतक में कैफे मालिक पर फाइनेंसर ने जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी फाइनेंसरों ने कैफे में घुसकर लाठी डंडो से वार किया और जान से मारने की धमकी दी।

Updated On 2024-12-28 19:29:00 IST
रोहतक में कैफे संचालक के साथ मारपीट करते आरोपी।  

रोहतक: फाइनेंसरों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बजरंग भवन फाटक के पास कैफे मालिक पर फाइनेंसर (Financier) ने जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी फाइनेंसरों ने कैफे में घुसकर लाठी डंडो से वार किया और जान से मारने की धमकी दी। पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। पीड़ित ने आरोप लगाया कि हमलावर 35 लाख रुपए के बदले एक करोड़ रुपए मांग रहे है, जबकि वह पैसे पहले ही दे चुका है। पुलिस ने घायल की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

कार के कागजों पर जबरन करवाए हस्ताक्षर

पीड़ित जसमीत सिंह ने बताया कि उसने सुनारियां में पांच फाइनेंसरों ने रुपए ब्याज पर लिए थे, जो वह वापस कर चुका है। आरोपियों ने सिक्योरिटी के तौर पर लिए उसके चेक भी अपने पास रखे हुए है। जब आरोपियों से चेक वापस मांगे तो आरोपियों ने जबरन उसकी कार के कागजों पर भी हस्ताक्षर करवा लिए। आरोपी उससे 50 लाख रुपए और मांग रहे है, जबकि ब्याज पर ली गई रकम व उसका ब्याज वह दे चुका है। आरोपी जबरन उससे रुपए मांग रहे हैं।

कैफे में घुसकर किया जानलेवा हमला

पीड़ित जसमीत ने बताया कि आरोपियों ने उसे हथियार दिखाकर डराते हुए जान से मारने की धमकी दी। जून माह वह किस्त नहीं दे पाया था तो आरोपियों ने उसके साले राघव को घर से उठा लिया था, जिसके बारे में पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई गई थी। कुछ दिन पहले भी फाइनेंसर उसके कैफे में घुसे और धमकी देते हुए एक करोड़ रुपए की मांग की थी। अब आरोपियों ने रात को कैफे (Cafe) में घुसकर लाठी डंडों से जानलेवा हमला कर दिया। साथ ही रुपए नहीं देने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी है।

फाइनेंसरों से 35 लाख का था लेनदेन

पीड़ित जसमीत सिंह ने बताया कि उसका फाइनेंसरों के साथ 35 लाख रुपए का लेनदेन था, लेकिन आरोपी पहले तो 35 लाख के 50 लाख रुपए मांग रहे थे और अब उस एक करोड़ रुपए मांग रहे हैं। पीड़ित ने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें। साथ ही उसके पूरे परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। 10 दिन पहले कैफे की ओपनिंग की थी और अब वे कैफे पर जाने से डर रहे हैं।

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