काम की खबर: किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर भारी छूट, 20 अगस्त तक करें आवेदन

हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, बेलिंग मशीन सहित कई यंत्रों पर 50% तक सब्सिडी दे रही है। किसान 20 अगस्त 2025 तक agriharyana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Updated On 2025-08-12 08:59:00 IST

हरियाणा में कृषि यंत्रों पर भारी छूट देगी सरकार। 

हरियाणा सरकार और कृषि विभाग मिलकर राज्य में फसल अवशेषों को जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में सरकार ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान देने का ऐलान किया है। यह योजना किसानों को बिना पराली जलाए अपनी फसलों के अवशेषों का सही तरीके से निपटान करने में मदद करेगी और साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगी। वर्ष 2025-2026 के लिए इस योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक किसान भाई इसका लाभ ले सकें।

इन यंत्रों पर मिलेगा अनुदान

करनाल के जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान देने का फैसला किया है। किसान इन यंत्रों का उपयोग करके पराली को खेतों में ही खाद में बदल सकते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी। उनकी सूची इस प्रकार है।

• सुपर एसएमएस (Super SMS): यह हार्वेस्टर से जुड़ी मशीन है जो धान की पराली को बारीक टुकड़ों में काट देती है।

• बेलिंग मशीन (Baling Machine): यह पराली को बेल (बंडल) में बांधने का काम करती है, जिसे बाद में ईंधन या अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

• हैप्पी सीडर (Happy Seeder): यह बिना पराली हटाए गेहूं की बुवाई करने की मशीन है।

• रोटरी स्लेशर श्रबमास्टर (Rotary Slasher Shrubmaster): यह मशीन फसलों के बड़े अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती है।

• पैडी स्ट्रॉ चोपर/मल्चर (Paddy Straw Chopper/Mulcher): यह धान की पराली को बारीक काट कर खेत में मिला देता है।

• हाइड्रोलिक रिवर्सिबल एम.बी. प्लो (Hydraulic Reversible M.B. Plough): यह मिट्टी को पलटने वाला हल है, जिससे पराली आसानी से मिट्टी में मिल जाती है।

• जीरो टिल ड्रिल (Zero Till Drill): यह बिना जुताई के ही फसल की बुवाई कर सकने वाली मशीन है।

• सुपर सीडर (Super Seeder): यह पराली को काटने के साथ ही बुवाई का काम एक साथ ही कर सकती है।

• सरफेस सीडर (Surface Seeder): यह भी बुवाई की एक आधुनिक तकनीक है।

• ट्रैक्टर चालित/स्वचालित क्रॉप रीपर/रीपर कम बाइंडर (Tractor Operated/Self-propelled Crop Reaper/Reaper cum Binder): फसल काटने की मशीनें।

• लोडर व टेडर मशीन (Loader and Tedder Machine): यह मशीनें पराली को उठाने के साथ ही उसे फैलाने में किसानों की मदद करती हैं। किसान इन यंत्रों में से किसी भी यंत्र का आवेदन कर सकते हैंफसल अवशेषों को जलाने की समस्या को रोकने के लिए किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर 50% तक अनुदान देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, किसान सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, बेलिंग मशीन और अन्य कई यंत्रों पर सब्सिडी पा सकते हैं।, जिसकी उन्हें जरूरत हो।

आवेदन की अंतिम तिथि

उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि व्यक्तिगत श्रेणी में किसानों को कृषि यंत्र की कुल लागत पर 50% तक का अनुदान मिलेगा या फिर कृषि विभाग द्वारा तय की गई अनुमोदित राशि, जो भी कम हो।

जो भी किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं वह विभाग के आधिकारिक पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर 20 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के लिए किसानों का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रबी 2025 और खरीफ 2024 के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। डॉ. वजीर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि एक परिवार पहचान पत्र (Family ID) से केवल एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है। अगर कोई किसान अनुसूचित जाति से संबंधित है, तो उसके लिए जाति प्रमाण पत्र होना भी अनिवार्य है।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।

• किसान के नाम से हरियाणा में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर की वैध आरसी (केवल ट्रैक्टर से चलने वाले यंत्रों के लिए)।

• परिवार पहचान पत्र (Family ID)।

• पैन कार्ड।

• आधार कार्ड।

• स्व-घोषणा पत्र।

• बैंक खाते की जानकारी।

आवेदन की प्रक्रिया और चयन

एक किसान अधिकतम 4 कृषि यंत्रों के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन उसे केवल एक मशीन पर ही अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा जिन किसानों ने पिछले 3 सालों में किसी भी कृषि यंत्र पर अनुदान लिया है, वे इस योजना में उसी यंत्र के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे।

आवेदन के बाद लाभार्थियों का चयन एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा। उप-निदेशक ने बताया कि अगर लक्ष्य से ज़्यादा आवेदन आते हैं तो लाभार्थियों का चयन उपायुक्त उत्तम सिंह की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा ऑनलाइन ड्रॉ (लॉटरी) के माध्यम से किया जाएगा। यह ड्रॉ किसानों के सामने ही होगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

किसान इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग या सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। यह योजना न सिर्फ किसानों को आर्थिक मदद देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। 

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