28.61 लाख की धोखाधड़ी: रोहतक खजाना कार्यालय में फर्जी रिकॉर्ड से उड़ाए पैसे, इंचार्ज व सहयोगियों ने बनाए फर्जी कागजात

महालेखाकार हरियाणा से मिली ईमेल के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। सहायक खजाना अधिकारी सांपला की अध्यक्षता में हुई जांच में यह साफ हो गया कि रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

Updated On 2025-06-15 11:47:00 IST

हरियाणा के रोहतक स्थित खजाना कार्यालय में एक सनसनीखेज धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां पेंशन इंचार्ज सुधीर कुमार और उसके दो कथित सहयोगियों पर फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर 28 लाख 61 हजार 840 रुपये का गबन करने का आरोप लगा है। इस मामले में आर्य नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह धोखाधड़ी फरवरी 2024 में अंजाम दी गई, जब सुधीर कुमार रोहतक खजाना कार्यालय में पेंशन इंचार्ज के तौर पर कार्यरत था।

ऐसे हुआ करोड़ों का गबन

धोखाधड़ी का शिकार हुए संजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सुधीर कुमार जो अब गुल्ला चिक्का के उप खजाना कार्यालय में कार्यरत है। उसने रचना देवी और राजेश नामक दो व्यक्तियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। तीनों ने मिलकर सरकारी दस्तावेजों और कंप्यूटर रिकॉर्ड में हेरफेर किया। शिकायत के अनुसार सुधीर कुमार ने दो फर्जी वाउचर तैयार किए, जिनके माध्यम से कुल साढ़े 28 लाख रुपये की बड़ी रकम सरकारी खजाने से निकाल ली गई।

फर्जी रिकॉर्ड और खातों में सीधा ट्रांसफर

जांच में सामने आया है कि सुधीर कुमार ने न केवल फर्जी वाउचर बनाए, बल्कि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में भी गलत जानकारी दर्ज की। धोखाधड़ी की इस योजना के तहत गबन की गई पूरी राशि दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। संजय ने बताया कि रचना देवी के खाते में 14 लाख 30 हजार 920 रुपये और राजेश के खाते में भी समान राशि 14 लाख 30 हजार 920 रुपये ट्रांसफर की गई। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब महालेखाकार हरियाणा से एक ईमेल प्राप्त हुई, जिसमें इन दो राशियों के भुगतान पर संदेह व्यक्त किया गया था। इस ईमेल के आधार पर जब खजाना कार्यालय ने आंतरिक जांच शुरू की तो पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।

सहायक खजाना अधिकारी की जांच में खुलासा

इस धोखाधड़ी की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहन जांच के लिए कदम उठाए गए। संजय ने बताया कि 1 अप्रैल को सहायक खजाना अधिकारी सांपला अनूप सिंह की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया, जिसने पूरे मामले की छानबीन की। इस विस्तृत जांच में यह साफ हो गया कि गलत जानकारी दर्ज कर और सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर बड़ी रकम निकाली गई थी। जांच टीम ने यह भी पाया कि आरोपियों ने धोखाधड़ी के सबूत मिटाने के लिए खजाना कार्यालय के रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने का भी प्रयास किया था। यह दर्शाता है कि यह एक सोची समझी साजिश थी। जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई, रचना देवी के बैंक खाते में सुधीर कुमार का नाम और मोबाइल नंबर भी दर्ज पाया गया, जिससे उसके इस धोखाधड़ी में सीधे तौर पर शामिल होने की पुष्टि हुई।

पुलिस जांच जारी, जल्द होगी गिरफ्तारी

आर्य नगर थाना के जांच अधिकारी एसआई बिजेंद्र सिंह ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि खजाना कार्यालय में फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर धोखाधड़ी करने का यह गंभीर मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

एसआई बिजेंद्र सिंह ने विश्वास दिलाया कि पुलिस जल्द ही आरोपी सुधीर कुमार को हिरासत में लेगी और उससे गहन पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही इस धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपी रचना देवी और राजेश को भी जल्द ही पकड़कर उनसे पूछताछ की जाएगी। पुलिस का लक्ष्य इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करना और गबन की गई राशि की बरामदगी सुनिश्चित करना है। 

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