Famous Tourist Spots: इतिहास प्रेमियों के लिए खास, दिल्ली से 90 किमी दूर पानीपत, जहां मिलेगा युद्ध और पर्यटन का अनोखा संगम

महाभारत कालीन यह प्राचीन नगर आज भी पर्यटकों को अपनी समृद्ध विरासत और धार्मिक स्थलों के माध्यम से आकर्षित करता है। आइए जानते हैं पानीपत के कुछ प्रमुख और दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से...

Updated On 2025-08-19 08:10:00 IST

हरियाणा के पानीपत में स्थित देवी मंदिर, जो अपनी धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

हरियाणा का पानीपत शहर जो दिल्ली से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण युद्धों का गवाह रहा है, लेकिन यह शहर केवल अपनी ऐतिहासिक लड़ाइयों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां इतिहास, संस्कृति, धर्म, वीरता और पर्यटन का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। महाभारत के समय से जुड़ा माना जाने वाला यह प्राचीन नगर आज भी पर्यटकों को अपनी समृद्ध विरासत और धार्मिक स्थलों के माध्यम से आकर्षित करता है। आइए, पानीपत के कुछ प्रमुख और दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जो हर यात्री के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं।

1. इब्राहिम लोदी का मकबरा

पानीपत की पहली लड़ाई (1526) के बाद मुगल सम्राट बाबर ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी की कब्र को पानीपत में ही बनवाया था। यह मकबरा ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक साधारण लेकिन गरिमापूर्ण स्मारक है, जिसे लाखौरी ईंटों से निर्मित एक ऊंचे आयताकार चबूतरे पर बनाया गया है। यह स्थल न केवल लोदी के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है, बल्कि यह उस युग के युद्ध और सत्ता परिवर्तन का भी प्रतीक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मकबरे को संरक्षित घोषित कर दिया है, जिससे यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन गया है।

2. बू-अली शाह कलंदर की दरगाह

पानीपत में स्थित सूफी संत बू-अली शाह कलंदर की यह दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव का एक अनूठा उदाहरण है। यहां की सबसे खास बात यह है कि इस दरगाह में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बिना किसी भेदभाव के आते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं। दरगाह पर मन्नतें पूरी होने की कामना के साथ ताला बांधने की प्रथा बहुत प्रसिद्ध है। संत का वास्तविक नाम शेख शर्राफुद्दीन था। उनकी दरगाह को खिलजी के बेटों ने बनवाया था। दुनिया में सिर्फ ढाई दरगाहें ही हैं, जिनमें से एक पानीपत में है। यह दरगाह अपनी अनूठी वास्तुकला और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है।

3. काबुली बाग मस्जिद

पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर अपनी जीत की खुशी में मुगल सम्राट बाबर ने काबुली बाग मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस मस्जिद का नाम बाबर की पत्नी मुसम्मत काबुली बेगम के नाम पर रखा गया था। यह मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक शुरुआती और सुंदर उदाहरण है। लगभग ढाई से तीन एकड़ में फैली यह मस्जिद लाल बलुआ पत्थर और ईंटों से बनी है। इसका मुख्य द्वार एक बड़ा मेहराब है और इसके कोने अष्टभुजाकार हैं। मस्जिद के शांत अहाते के अंदर पर्यटक मुगल काल की स्थापत्य कला की सादगी और भव्यता का अनुभव कर सकते हैं। यह स्थल न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह उस युग की कला और संस्कृति को भी दर्शाता है।

4. देवी मंदिर

पानीपत के धार्मिक स्थलों में से एक देवी मंदिर शहर के बीचों-बीच एक बड़े तालाब के किनारे स्थित है। यह मंदिर अपनी आकर्षक वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। किंवदंतियों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा योद्धाओं द्वारा कराया गया था, जो यहां पानीपत की तीसरी लड़ाई के लिए आए थे। कहा जाता है कि मराठा सेनापति सदाशिवराव भाऊ को इसी तालाब के किनारे देवी की एक मूर्ति मिली थी। सुबह होने पर मूर्ति उसी स्थान पर वापस मिल जाती थी, जिससे प्रेरित होकर उस स्थल पर ही मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया। यह मंदिर मराठा विरासत और उनकी धार्मिक आस्था का एक सुंदर उदाहरण है और आज भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

5. काला अंब

पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761) की याद दिलाता काला अंब, एक ऐतिहासिक स्मारक है। इस स्थान का नाम यहां पहले मौजूद एक काले आम के पेड़ के नाम पर पड़ा, जिसके बारे में कहा जाता है कि युद्ध में बहे खून के कारण उसकी पत्तियां काली हो गई थीं। यह स्थल मराठा सैनिकों की बहादुरी और युद्ध के भयानक परिणामों की याद दिलाता है। अब उस पेड़ की जगह एक स्तंभ बना दिया गया है जो मराठाओं और अहमद शाह अब्दाली की सेनाओं के बीच हुए भीषण युद्ध का प्रतीक है। यह स्थल इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां वे भारत के इतिहास के इस दुखद लेकिन निर्णायक अध्याय को समझ सकते हैं।

6. पानीपत संग्रहालय

पानीपत का इतिहास जानने के लिए, पानीपत संग्रहालय एक बेहतरीन जगह है। यह संग्रहालय पानीपत की तीनों ऐतिहासिक लड़ाइयों और शहर के इतिहास से संबंधित कलाकृतियों, हथियारों, दस्तावेजों और चित्रों का एक विशाल संग्रह प्रदर्शित करता है। यहां मराठा और मुगल सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार, युद्ध के मानचित्र और उस समय के शासकों के चित्र देखे जा सकते हैं। यह संग्रहालय उन पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है जो इतिहास में रुचि रखते हैं और पानीपत के गौरवशाली अतीत को करीब से देखना चाहते हैं।

पानीपत का हर एक कोना अपने आप में एक कहानी समेटे हुए है। इब्राहिम लोदी के मकबरे से लेकर बू-अली शाह कलंदर की दरगाह तक यह शहर हमें इतिहास, संस्कृति और आस्था के बीच के गहरे रिश्ते को समझने का मौका देता है। पानीपत सिर्फ लड़ाइयों का मैदान नहीं, बल्कि एक ऐसा शहर है जहां इतिहास और आधुनिकता एक साथ चलते हैं। 

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