Rohtak पहुंची महिला आयोग चेयरपर्सन रेनू भाटिया, बोली: OYO अपराध का अड्डा, महिला आयोग व महिला थाना सबसे बुरा महकमा

हरियाणा के रोहतक पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने OYO होटल को अपराध का अड्डा बताया, जहां स्कूल के छात्रों से लेकर सभी वर्ग के लोग गलत काम करते हैं।

Updated On 2024-03-19 21:52:00 IST
रोहतक के सुपवा में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित करती रेनू भाटिया। 

Rohtak: पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय में साइबर अपराध विषय पर जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंची हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि OYO अपराध का अड्डा है। पिछले दिनों फरीदाबाद का एक केस आया, जिसमें कुछ दुकानदारों ने शिकायत दी। शिकायत में कहा कि उनके सामने एक OYO होटल है, जहां स्कूली बच्चे है। OYO होटल अय्याशी का अड्डा बन गए है, जहां स्कूल के बच्चे भी जा रहे हैं और उन पर कोई रोक टोक नहीं है।

OYO होटल पर छापा मारा तो मिले स्कूल बच्चे

महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि वे स्थानीय महिला एसएचओ की टीम के साथ सामान्य कपड़ों में OYO होटल के पास पहुंची। इसी दौरान सुबह-सुबह स्कूल के बच्चें स्कूटी पर आए और OYO होटल में गए। एक के बाद एक करके चार बच्चे (2 लड़की व 2 लड़के) अंदर चले गए। जब अंदर उनसे बात की तो वे सप्ताह में तीन दिन होटल में आते हैं और तीन दिन स्कूल जाते हैं। परिजनों से बात की तो उनका कहना था कि बच्चे हर रोज घर से स्कूल जाते हैं।

खुद का उदाहरण देकर रेनू भाटिया ने छात्रों को किया जागरूक

महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि शादी के बाद अगर कोई लड़की एक साल तक अपने ससुराल के अनुसार चल सके तो पूरी उम्र ससुराल उनके अनुसार चलता है। खुद का उदाहरण देते हुए रेनू भाटिया ने कहा कि आज उनके ससुराल में छोटे-से-छोटा काम होता है तो उनसे से पूछकर ही करते हैं। कहावत है कि महिला ही महिला की दुश्मन होती है, लेकिन यह धारण बदलनी है। उनको आगे बढ़ाने में उनकी सास का सबसे बड़ा हाथ है। तीसरा बच्चा होने के बाद उनकी सास ने कहा था कि अब कुछ बेहतर करे।

महिला आयोग व महिला थाना सबसे बुरा महकमा

चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि उन्हें सबसे गलत या सबसे बुरा महकमा जो लगता है, वह महिला आयोग व महिला थाना है, सबसे बेकार है। अगर लड़कियां अपने घर का मैनेजमेंट ठीक कर लें तो महिला आयोग व महिला थाने की कोई जरूरत नहीं हैं। हमारे जैसे भी कहीं और काम करते। उन्हें एक कार्यक्रम में जाना था, जब वे कार्यक्रम में पहुंची तो काफी महिलाएं वहां मौजूद थी। जिन्हें देखकर लग रहा था कि वे अच्छी वेषभूषा में थी। लेकिन बाद में पता चला कि सभी का तलाक हो चुका है। वे अपने घर का मैनेजमेंट नहीं कर पाई।

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