एमडीयू में फूटा छात्रों का गुस्सा: फीस बढ़ोतरी के खिलाफ गेट पर जड़ा ताला, विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर की नारेबाजी 

रोहतक में नई शिक्षा नीति के तहत फीस बढ़ोतरी के खिलाफ महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गेट पर ताला जड़ दिया।

Updated On 2024-06-13 19:43:00 IST
एमडीयू गेट पर विरोध प्रदर्शन करते छात्र संगठनों के सदस्य। 

Rohtak: नई शिक्षा नीति के तहत फीस बढ़ोतरी के खिलाफ महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित छात्र संगठनों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय के गेट पर ताला जड़ दिया। छात्र संगठनों ने नई शिक्षा नीति वापस लेने, चार वर्षीय कोर्स को बंद कर दोबारा तीन वर्षीय कोर्स शुरू करने व बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की। इस दौरान विवि सुरक्षा कर्मियों के साथ छात्र संगठनों की धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन छात्र पीछे नहीं हटे। मौके पर पहुंचे प्रॉक्टर डॉ. राजेश पुनिया ने छात्रों की मांग को सुना और मांग पत्र लेते हुए आश्वासन दिया कि जल्द ही हाई लेवल कमेटी बैठाकर बढ़ी हुई फीसों पर विचार करेंगे।

एमडीयू नई शिक्षा नीति लागू करने पर उतारू

संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के नेता दीपक मलिक व दीपक धनखड़ ने कहा कि एमडीयू प्रशासन लगातार केंद्र व राज्य सरकार का पिछलग्गू बनकर तेजी से नई शिक्षा नीति लागू कर रहा है। प्रशासन सत्र 2024-25 के तहत पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स को बंद करके चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स लेकर आया है। जिसके अंदर तमाम तरह की फीस 4 से 5 गुना बढ़ा दी गई है। ट्यूशन फ़ीस और डेवलपमेंट फंड के नाम से प्रशासन ने फीस को 30 से 40 गुना बढ़ा दिया है, जिसका प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव प्रदेश के गरीब, मेहनतकश, मजदूर, किसान, प्राइवेट कंपनी वर्कर व मध्यम वर्गीय परिवार के छात्रों और उनके माता-पिता पर आने वाला है। एक बहुत बड़ा हिस्सा इस शिक्षा नीति और बढ़ी हुई फीस के कारण शिक्षा से दूर होने की कगार पर है। लेकिन प्रशासन और सरकार को इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा।

विवि प्रशासन छात्र संगठनों को कर रहा गुमराह

छात्र नेताओं ने कहा कि 12 जून को प्रशासन की तरफ से बोला गया कि हाई लेवल मीटिंग हो रही है और तमाम छात्र संगठन प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अगले 10 दिनों में बैठकर बात करेंगे, ताकि बढ़ी फीसों की समस्या का हल निकाला जा सके। प्रशासन लगातार छात्र संगठनों को गुमराह करने का काम कर रहा है। क्योंकि 20-22 जून से विश्वविद्यालय में नए विद्यार्थी एंट्रेंस टेस्ट को देने आएंगे। फिर एडमिशन प्रोसेस शुरू कर देंगे, लेकिन विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से प्रशासन को कहना चाहते हैं कि इस लड़ाई को और तेज किया जाएगा। अगर छात्रों की मांगों को नहीं सुना तो सभी मिलकर इन बढ़ाई गई फीस को जन मुद्दा बनाते हुए इसके खिलाफ आंदोलन तेज़ करेंगे।

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