Sirsa: किसानों के समर्थन में निकाला ट्रैक्टर मार्च, चढूनी ग्रुप ने किया था आह्वान

हरियाणा के सिरसा में किसानों के समर्थन में चढूनी ग्रुप ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। उन्होंने मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया और जमकर नारेबाजी की।

Updated On 2024-02-17 20:10:00 IST
शहर में ट्रैक्टर मार्च निकालते किसान।

Sirsa: किसानों की मांगों के समर्थन में शनिवार को चढूनी ग्रुप की ओर से शहर में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। किसान शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए और फिर वहां से ट्रैक्टर लेकर शहर में मार्च निकालते हुए निकले। इसके बाद एसडीएम को एक ज्ञापन भी दिया गया। मार्च की अगुवाई टीम चढूनी ग्रुप से जगविंद्र सिंह माखां ने की। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। सरकार तानाशाही नीतियां अपनाते हुए किसानों पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। कभी आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे है, तो कहीं गोली बारी व लाठीचार्ज भी किया जा रहा है।

सरकार के इशारे पर लोकल रास्तों को किया बंद

जगविंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन की ओर से सभी लोकल रास्तों को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण लोगों का आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की कुनीतियों को देखते हुए ट्रैक्टर मार्च से संघर्ष शुरू हो चुका है। वे कल भी किसानों के साथ थे और आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। 18 फरवरी को कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर में सभी संगठनों व खाप पंचायतों की मीटिंग बुलाई गई है और किसानों के हक में ऐतिहासिक फैसला लिया जाएगा। ये सरकार पूंजीपतियों की सरकार है और इन्हें किसान व आम वर्ग से कोई लेना देना नहीं है।

डबवाली में चढूनी ग्रुप ने निकाला रोष मार्च 

डबवाली में भी चढूनी ग्रुप के सदस्यों ने शहर में रोष मार्च निकाला और एसडीएम को ज्ञापन दिया। किसान नेता राकेश फोगड़िया ने बताया कि इलाके के किसानों की लंबित मांगों व सभी किसानों मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर इस ट्रैक्टर रोष मार्च का आयोजन किया गया था। डबवाली हलके के किसानों का 2020 का मुआवजे का बकाया अभी भी पेंडिंग पड़ा है। 2023 का बीमा क्लेम भी किसानों को नहीं मिला। इसके अलावा किसानों की मांग है कि उन्हें कानून बनाकर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को बिना विलंब किए लागू किया जाना चाहिए। किसान और मजदूर का कर्ज माफ किया जाए और उसे पेंशन दी जाए।

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