Khatistani कहना इंस्पेक्टर को पड़ेगा भारी: भड़के किसानों ने घेरा पुलिस स्टेशन, माफी मंगवाने पर अड़े रहे  

भूना में किसानों को खालिस्तानी कहने वाले इंस्पेक्टर रामपाल के खिलाफ पगड़ी संभाल जट्टा किसान संगठन ने पुलिस स्टेशन भूना के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

Updated On 2024-04-08 21:24:00 IST
फतेहाबाद के भूना थाने के बाहर प्रदर्शन करते किसान।

भूना/फतेहाबाद: किसानों को खालिस्तानी कहने वाले इंस्पेक्टर रामपाल के खिलाफ पुलिस में दी गई शिकायत पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं किए जाने पर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संगठन ने सोमवार को पुलिस स्टेशन भूना के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के मुखिया मनदीप सिंह नथवान मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए, जबकि संचालन पगड़ी संभाल जट्टा संगठन फतेहाबाद के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडा ने किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने के बाहर शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए और दिनभर धरना देकर रोष प्रकट किया।

इंस्पेक्टर रामपाल पर खालिस्तानी कहने का लगाया आरोप

जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडा ने बताया कि इंस्पेक्टर रामपाल ने घर जाकर पारिवारिक महिला सदस्यों को कहा कि प्रधान ओमप्रकाश को किसान आंदोलन में जाने से रोक लो, क्योंकि वे किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी लोगों को समर्थन कर रहे है, इसलिए उन्हें ऐसे किसान आंदोलन से दूरी बनानी चाहिए। ऐसा कहने पर उनकी छवि धूमिल की गई है, इसलिए हमने 17 मार्च को इंस्पेक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत दी थी, जिस पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद संगठन ने पुलिस स्टेशन भूना का घेराव और दिनभर धरना देकर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया था। उसी को लेकर किसानों को खालिस्तानी भाषा की संज्ञा देने वाले इंस्पेक्टर पर कार्रवाई को मांग कर लेकर धरना दिया गया।

कार्रवाई न होने पर आंदोलन करने पर विवश हुए किसान

मनदीप नथवान ने कहा कि पुलिस ने अभी तक उनकी शिकायत पर कोई नियमानुसार कानूनी कार्रवाई इंस्पेक्टर रामपाल के विरुद्ध नहीं की, इसलिए अब आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। किसानों को खालिस्तानी संज्ञा देने वाले इंस्पेक्टर जब तक माफी नहीं मांगेंगे, तब तक उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा। दूसरी तरफ इंस्पेक्टर रामपाल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी व्यक्ति के सामने किसानों को खालिस्तानी शब्द नहीं कहे और वह भी एक किसान परिवार का एक हिस्सा है।

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