Farmers Protest: किसान आंदोलन में बच्चों को शामिल करने पर प्रदर्शनकारियों को फटकार, हाई कोर्ट ने पूछा- क्या आपको शर्म नहीं आती
Farmers Protest: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने आज किसान आंदोलन से जुड़े मामले की सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त टिप्पणियां की। पढ़िये पूरा मामला...
पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डटे हैं। किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार हमारे आंदोलन को दबाना चाहती है, लेकिन हम हार में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली अवश्य पहुंचेंगे। यही नहीं, किसान संगठनों ने आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आठ मार्च को शंभू बॉर्डर पर महिला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। खास बात है कि आंदोलन में बच्चों और महिलाओं को शामिल करने पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने किसान संगठनों को फटकार लगा दी है।
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने आज किसानों के प्रदर्शन पर सुनवाई की। हरियाणा सरकार ने अदालत के समक्ष बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें पेश कीं। इन तस्वीरों को देखकर हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त टिप्पणियां की। कोर्ट ने कहा कि आप आंदोलन में बच्चों को आगे क्यों कर रहे हो, यह काफी शर्मनाक है। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि आप कैसे माता पिता हैं। बच्चों की आड़ में हथियारों के साथ प्रदर्शन क्या है, यह बेहद निंदनीय है। कोर्ट ने कहा कि आप निर्दोष लोगों को आगे कर रहे हैं। आप यहां खड़े होने का भी अधिकार नहीं रखते हैं।
पंजाब-हरियाणा सरकार पर भी नाराजगी जताई
हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार के इस आंदोलन को लेकर रवैये पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारें इस आंदोलन को लेकर अपनी जिम्मेदारियों का सही से पालन नहीं कर पाए हैं। हाई कोर्ट ने रिटायर्ड जज की अगुआई में युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत की जांच कराने की बात कही। कहा कि तीन सदस्यीय समिति का गठन करके इस मामले की जांच कराई जाएगी।
किसान नेता महिला दिवस मनाने की जिद्द पर अड़े
उधर, किसान नेता संधू बॉर्डर पर 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की जिद्द पर अड़े हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढे़र का कहना है कि 8 मार्च को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक मंच का संचालन महिलाएं करेंगी। साथ ही, दस मार्च को होने वाले रेल रोको अभियान को सफल बनाने की भी रणनीति तैयार की जाएगी।