दुष्यंत चौटाला को विधायक दल के नेता पद से हटाने की तैयारी: बहुमत से नया नेता चुनने, जजपा पर कब्जा करने की योजना  

जजपा के विधायक दुष्यंत चौटाला को बहुमत के साथ विधायक दल के नेता पद से हटाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए टोहाना के विधायक व पूर्व मंत्री पूरे जोर शोर से लगे हुए है

Updated On 2024-05-09 22:01:00 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर।

Fatehabad: जजपा के विधायक दुष्यंत चौटाला को बहुमत के साथ विधायक दल के नेता पद से हटाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए टोहाना के विधायक व पूर्व मंत्री पूरे जोर शोर से लगे हुए है और जजपा के विधायकों से संपर्क साधा जा रहा है। जिसका परिणाम अगले तीन चार दिन में सामने आने की उम्मीद हैं। वीरवार को देवेंद्र बबली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला परिवार के रोज रोज के थ्रेट से बचने के लिए यह जरूरी है। इसके लिए कानूनी राय भी ली जा रही है। जजपा के आधिकांश विधायक कांग्रेस या भाजपा से टिकट ना मिलने पर एक्सीडेंटली जजपा की टिकट पर लड़े थे। जजपा के बने विधायकों को कोई जजपा का वोट बैंक नहीं मिला, सभी अपने रसूख व दम पर जीते हैं।

जजपा कैडर से नाम मात्र ही मिले थे वोट

देवेंद्र बबली ने कहा कि टोहाना हल्के में उन्हें मिले 1 लाख वोटो में जजपा कैडर के 4-5 हजार वोट हो सकते है, बाकी तो उन्होंने निजी संबंधों के कारण हासिल किए है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के साथ समझौते में उनका बहुत बड़ा योगदान था। दुष्यंत चौटाला का मन भाजपा सरकार में शामिल होने का 50 फीसदी था। जिस पर उन्होंने सलाह दी कि बिना सरकार में शामिल हुए हम अपने हल्के व प्रदेश का विकास नहीं कर सकते। देवेंद्र बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला अपनी मनमानी व घमंड के कारण विधायकों को एकजुट नहीं रख पाए। एक साल बीत जाने के बाद पहले उनके प्रेशर की वजह से ही पार्टी के लोगों को चेयरमैन बनवाया गया।

विधायक दल का नेता चुनने के बाद ही दुष्यंत बने थे डिप्टी सीएम

देवेंद्र बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को जजपा विधायक दल का नेता उन्होंने तथा बाकी विधायकों ने चुना था, तभी वे डिप्टी सीएम बने। अब हम बहुमत से उन्हें हटा सकते हैं। जिसके बाद हो सकता है कि दादा गौतम या ईश्वर सिंह को जजपा का नेता चुन ले। उन्होंने दावा किया कि वे लगातार विधायकों के संपर्क में हैं तथा अगले तीन चार दिन में इसका परिणाम सामने आ जाएगा। तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में आई सरकार बारे देवेंद्र बबली ने कहा कि सब बयानबाजी हो रही है। सारे विपक्ष को इकठ्ठा होकर राज्यपाल को पत्र देना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि वे सरकार का साथ देंगे या नहीं। इस पर उन्होंने कहा कि मौके पर फैसला लेंगे।

88 में से भाजपा के पास मात्र 42 विधायक

देवेंद्र बबली ने कहा कि हरियाणा में कुल 88 विधायक है, जिसमें से भाजपा के पास 42 है। इसलिए भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। बता दें कि अजय चौटाला ने देवेंद्र बबली को पार्टी पर बोझ बताया था। जिस पर देवेंद्र बबली ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अजय चौटाला का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। वे दुष्यंत चौटाला को सलाह देंगे कि उनका किसी अच्छे डॉक्टर से मानसिक इलाज करवाए। इसके बाद अब दुष्यंत चौटाला को विधायक दल के नेता से हटाने व जजपा पर भी कब्जा करने की योजना बनाई जा रही है।

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