एमडीयू प्रशासन की लापरवाही उजागर: फीस लेकर भी जारी नहीं किए एडमिट कार्ड, सैकड़ों विद्यार्थी परीक्षा से चूके

एमडीयू में डिस्टेंस बीए द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा शुक्रवार को संपन्न हुई, जिसमें सेकेंड ईयर के विद्यार्थी एडमिट कार्ड न मिलने की वजह से परीक्षा में नहीं बैठ पाए।

Updated On 2024-06-08 11:20:00 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर। 

Rohtak: एमडीयू डिस्टेंस बीए द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा शुक्रवार को संपन्न हुई, जिसमें सेकेंड ईयर के विद्यार्थी एडमिट कार्ड न मिलने की वजह से परीक्षा में नहीं बैठ पाए। विद्यार्थियों ने एमडीयू प्रशासन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। एमडीयू के छात्र नेता दीपक धनखड़ ने बताया कि वीरवार को छात्र एकत्रित होकर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में गए थे, जहां उन्होंने एडमिट कार्ड जारी न करने की समस्या बताई। उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द विद्यार्थियों का समाधान होगा। लेकिन शुक्रवार शाम तक फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर घूमती रही, लेकिन किसी भी विद्यार्थी का एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ।

जब परीक्षा नहीं करवानी थी तो फीस क्यों काटी

छात्रों ने बताया कि जब वह फॉर्म ही नहीं भर सकते थे तो एमडीयू के पोर्टल ने उनकी फीस क्यों काटी। अगर फीस कट ही गई थी तो अगले सेमेस्टर की परीक्षाओं के साथ उनकी परीक्षा करवानी चाहिए थी। जब दोबारा से अप्रैल में फॉर्म निकले तो उनकी फीस पर ऑलरेडी पैड क्यों दिखाया गया। उनमें विद्यार्थियों की कोई गलती नहीं। लेकिन हर वर्ष विद्यार्थियों के साथ ऐसा ही होता है। साल 2021-22 व 2022- 23 में भी यही समस्या का सामना विद्यार्थियों को करना पड़ा था, जिसका समाधान प्रदर्शन करने के बाद परीक्षा से एक दिन पहले हुआ। लेकिन इस वर्ष फिर से वही समस्या का सामना विद्यार्थियों को करना पड़ा, जिसमें विद्यार्थियों से पैसे भी लिए गए और उनकी परीक्षा भी नहीं हुई।

गड़बड़ी सिस्टम की, भुगत रहे विद्यार्थी

छात्र नेता दीपक धनखड़ ने कहा कि महर्षि दयानंद का नाम अपने आप में एक बहुत बड़ी विचारधारा है, क्या वह विचारधारा विद्यार्थियों के साथ शोषण करने की प्रेरणा देती है, क्या कुछ पैसों के लिए एमडीयू विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा देती है। हजारों विद्यार्थी हर साल री अपीयर की लाखों की फीस यूनिवर्सिटी में जमा करते हैं, गड़बड़ी सिस्टम की होती है लेकिन भुगतना छात्रों को पड़ता है। उनका साल भी खराब होता है व विद्यार्थी मानसिक तनाव में भी जाते हैं । एमडीयू के अधिकारी तानाशाह शासक की तरह हो चुके है, जहां पर बेइंतहा 5 गुना फीस वृद्धि की जाती है, विद्यार्थियों से पैसे लेकर परीक्षा में भी नहीं बैठने दिया जाता।

Similar News