Mission Karmayogi Program: 10 बैचों में 300 सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

अपने कार्य में कुशल बनाने के लिए सरकार मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत सरकारी कर्मचारियों को 10 बैच में प्रशिक्षण दे रही है, ताकि वह अपना कार्य ईमानदारी से कर सके।

Updated On 2024-01-06 19:32:00 IST
मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण लेते कर्मचारी। 

Narnaul: प्रदेश सरकार के मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण का गत दिवस शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण आगामी 16 जनवरी तक चलेगा। इसमें 10 बैचों में 300 सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डीएस यादव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए मिशन कर्मयोगी अभियान के तहत प्रशिक्षण शुरू किया गया है। प्रत्येक बैच में जिले के विभिन्न विभागों से अलग-अलग श्रेणी के 30 प्रतिभागी सरकारी कर्मचारी होंगे। गत माह हरियाणा इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन गुरुग्राम में दो दिन राज्य के अन्य अधिकारियों के साथ उक्त मिशन की ट्रेनिंग दी गई थी।

तीन मॉड्यूल में पूरा होगा प्रशिक्षण

नोडल अधिकारी डीएस यादव ने बताया कि यह प्रशिक्षण तीन मॉड्यूल में दिया जाएगा। प्रत्येक मॉड्यूल में सरकारी कर्मचारियों का कौशल व चारित्रिक कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए उदाहरण सहित व्याख्यान दिया जाएगा। इस दौरान प्रतिभागियों की राय भी जानी जाएगी। प्रत्येक मॉड्यूल की समाप्ति के बाद प्रतिभागी का एप के माध्यम से ऑनलाइन असेसमेट भी किया जाएगा। यह कार्य ऑनलाइन एप के माध्यम से संपूर्ण होगा। प्रतिभागियों की उपस्थिति ऑनलाइन ही अंकित की जाएगी। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जो प्रत्येक प्रतिभागी ऑनलाइन एप से डाउनलोड कर सकता है।

क्या है मिशन कर्मयोगी अभियान

नोडल अधिकारी डीएस यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने के लिए इस स्कीम के पीछे मूल भाव भगवत गीता में उल्लेखित योग: कर्मसु कौशलम है, जो सिविल सेवाओं का उद्देश्य है। जो कार्य में कुशलता को दर्शाता है और अधिकतम परिणाम को हासिल करने के लिए उत्पादक कार्य कुशलता को परिलक्षित करता है। सभी सिविल सेवकों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में अवश्य ही कुशल होना चाहिए। कर्म योगी के रूप में सिविल सेवकों के अन्य पहलू से जुड़कर यह स्कीम प्रत्येक अधिकारी की ओर से शांत और संतुलित व्यवहार के लिए शरीर व मन की जटिलताओं से परे जाती है। यह एक व्यक्तिगत अथवा चारित्रिक कार्य कुशलता है।

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