MDU के छात्रों ने तले पकौड़े: बढ़ी हुई फीस को लेकर किया अनोखा प्रदर्शन, कहा- विद्यार्थियों पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ

Students Protest in MDU: रोहतक के एमडीयू के गेट पर सोमवार को छात्रों ने बढ़ी हुई फीस को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शन दौरान पकौड़े भी तले।

Updated On 2024-06-03 16:30:00 IST
MDU के छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

Students Protest in MDU: रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) के गेट पर सोमवार को छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर लेकर अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन दौरान छात्रों ने पकौड़े तले और कॉलेज की बढ़ी हुई फीस को लेकर विरोध किया।

उनका कहना है कि एमडीयू ने फीस बढ़ाकर छात्रों का आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। साथ ही उन्होंने मांग है कि फीस वृद्धि को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व राज्य अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि एमडीयू ने यूजी कोर्सेज का प्रोजेक्ट्स जारी कर दिया है। जिसमें प्रत्येक कोर्स की फीस में चार से पांच गुना तक बढ़ोतरी की गई है।

छात्रों ने की ये मांग

ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी दाखिला नहीं ले पाएंगे। इसलिए उन्हें मजबूर होकर तलने पड़ रहे हैं। ऐसे शिक्षण संस्थानों को गरीब बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए फीस कम रखनी चाहिए। लेकिन एमडीयू ने फीस बढ़ाकर निजीकरण और व्यवसायीकरण का काम किया है। इसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लेना चाहिए।

राज्यपाल से मिलेंगे छात्र

उन्होंने कहा कि सरकार को यहां बजट देना चाहिए। लेकिन शिक्षण संस्थान राजस्व एकत्र कर सरकार को दे रहा है। आज हम सभी ने पकौड़े तलकर इसका विरोध किया है। अगर विश्वविद्यालय प्रशासन बढ़ी हुई फीस वापस नहीं लेता है तो हम राज्यपाल कर अपनी बात पहुंचाने के लिए उनसे भी मिलेंगे। हम वहां पर भी धरना देंगे और भूख हड़ताल करेंगे। 

हरियाणा में छात्रों का योगदान

ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने हरियाणा की धरती से प्रदूषण से आजादी अभियान की शुरूआत की है। जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा संस्थान, सोसायटी, कॉलेजों और आम जनता के बीच जाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करना है।

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इसके साथ लोगों को घरों में पेड़ लगाने, प्लास्टिक, पॉलीथिन का प्रयोग बंद करने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करने और जैविक खेती के फायदे बताकर उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। धीरे-धीरे इस मुहिम को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। ताकि पर्यावरण को जनमानस से जोड़ा जा सके।

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