लोकसभा चुनाव: दोपहर तक 30 प्रतिशत से अधिक मतदान, रोहतक कुरूक्षेत्र में सबसे अधिक 40 प्रतिशत 

शनिवार को 25 मई के दिन प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर सुबह से ही मतदाता सुबह से ही उत्साहित दिखाई दिए तथा सुबह 11 बजे से पहले 10 प्रतिशत तक मतदान हो चुका था।

Updated On 2024-05-25 16:33:00 IST
हरियाणा लोकसभा चुनाव

Lok Sabha Election। लोकसभा के लिए शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ तथा सुबह मतदान शुरू होने से पहले ही मतदान केंद्रों पर लंबी लंबी कतारें देखने को मिली। प्रदेश में दोपहर तक करीब 30 प्रतिशत मतदान हुआ। रोहतक व कुरूक्षेत्र में सबसे अधिक 40 और फरीदाबाद में सबसे कम 28.7 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। इस दौरान रोहतक की महम विधानसभा के मदीना गांव में बोगस वोटिंग के शक में भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी देखने को मिली। हालांकि आसपास मौजूद लोगों ने बीच बचाव कर मामला बढ़ने से पहले ही शांत कर दिया।

दोपहर तक कहां कितना हुआ मतदान

शनिवार को 25 मई के दिन प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर सुबह से ही मतदाता सुबह से ही उत्साहित दिखाई दिए तथा सुबह 11 बजे से पहले 10 प्रतिशत तक मतदान हो चुका था। हालांकि धूप बढ़ने के साथ मतदाताओं को जोश भी ढीला पढ़ना शुरू हो गया तथा दोपहर होते हुए मतदान केंद्रों पर इक्का दुक्का लोग ही दिखाई दिए। जानिए कहां कितना हुआ मतदान

रोहतक 40.2

अंबाला 32.0

फरीदाबाद 25.8

गुरुग्राम 29.1

हिसार 32.8

करनाल 29.8

कुरूक्षेत्र 40.1

भिवानी-महेंद्रगढ़ 33.4

सिरसा 32.6

सोनीपत 30.0

महम के मदीना में बोगस वोटिंग पर भिड़े

महम विधानसभा के मदीना गांव में कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट के पीछे बोगस वोटिंग को ही वजह माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि वोटिंग शुरू होने के कुछ देर बाद ही बूथ नंबर 136 पर एक उम्मीदवार के समर्थकों ने बोगस वोटिंग करवाने का प्रयास किया। जिसका पता लगने के बाद दूसरे उम्मीदवार के समर्थकों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने दोनों पार्टियों के समर्थकों को समझाकर मामले बढ़ने से पहले ही शांत कर दिया।

कैथल के एक गांव में केवल पांच मतदाता

कैथल के गांव कलायत के बेचिराग गांव खंडालवा में न घर और न दुकान। मतदाता सूची में केवल साधु समाज के मतदाता। देश के मानचित्र पर इस गांव के प्राचीन शिव मंदिर के कारण बड़ी ख्याति है। साधु समाज का कहना हैं कि किसी समय में रामचंद्र के पूर्वजों ने इस गांव की माटी पर हल जोता था।

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