भिवानी कांग्रेस में सब ठीक-ठाक: किरण चौधरी बोलीं- पार्टी का फैसला सिर माथे, राव दान सिंह से जो मदद मिली, उससे अधिक लौटाएंगे

दो दिन भिवानी में रहकर भिवानी और चरखी दादरी व फिर महेंद्रगढ़ और नारनौल में होगी कार्यकर्ताओं से चर्चा, अगले 10 दिन में बताएंगी अगली रणनीति।

Updated On 2024-04-28 13:24:00 IST
भिवानी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करती किरण चौधरी।

भिवानी। एसआरके नेता किरण चौधरी ने भिवानी महेंद्रगढ़ से बेटी श्रुति चौधरी की टिकट कटने के बाद शनिवार को भिवानी में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद किरण चौधरी ने कहा कि हम पार्टी के सच्चे सिपाही है तथा पार्टी का फैसला सिर माथे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जितनी मदद राव दान सिंह ने हमारी की थी, हमारा प्रयास रहेगा कि हम उससे ज्यादा करें। किरण ने कहा कि दो दिन भिवानी-दादारी और फिर महेंद्रगढ़-नारनौल में वन टू वन अपने कार्यकर्ताओं से मिलेंगी। जिसके बाद अगले एक सप्ताह 10 दिन में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक अगली रणनीति तय की जाएगी। किरण चौधरी की पहली प्रतिक्रिया ने पार्टी के फैसले को मानने और राव दान सिंह का 2019 की तर्ज पर सहयोग करने की बात कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया है।

2019 में नारनौल-महेंद्रगढ़ के सभी हलकों में हारी थी श्रुति 

2019 के लोकसभा चुनाव में श्रुति चौधरी ने भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में 7,36,699 वोट प्राप्त कर भाजपा के धर्मबीर चुनाव जीते थे तथा 2,92,236 वोटों के साथ श्रुति दूसरे स्थान पर रही थी। खास बात यह है कि 2109 के चुनाव में श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ के सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली थी। जिसके लिए राव दानसिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था।  लोकसभा के बाद हुए विधानसभा चुनाव में राव दानसिंह तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को हरारकर महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे।

सप्ताह 10 दिन करना होगा इंतजार

किरण चौधरी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अभी वह दो दिन भिवानी में रहकर भिवानी व दादरी के कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी राय लेंगी। इसके बाद महेंद्रगढ़- नारनौल में कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी। फिर सप्ताह से 10 दिन में भिवानी में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अगली रणनीति बनाई जाएगी। शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद भले ही खुलकर कुछ नहीं बोली हो, परंतु राजनीतिक में कब क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। किरण चौधरी की पहली प्रतिक्रिया और कार्यकर्ताओं की राय के बाद सप्ताह 10 दिन में अगली रणनीति बनाने के बयान ने सस्पेंस तो बढ़ा ही दिया है।

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