Haryana News: हरियाणा सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक, नहीं मिलेगा प्रमोशन में आरक्षण

Haryana News: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी है।

Updated On 2024-01-16 10:42:00 IST
हरियाणा सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक।

Haryana News: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की एकल पीठ ने हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति (SC) कर्मचारियों को  प्रमोशन में आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दी है। इस मामले के लिए चीफ जस्टिस रितु बहरी और जस्टिस अमन चौधरी की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 7 फरवरी 2024 की तारीख तय की है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि कर्मचारियों का कोई प्रमोशन नहीं किया जाएगा।

याचिकाकर्ता की अपील पर लिया गया फैसला

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्टेट काउंसिल याचिका को स्वीकार करते हुए हरियाणा सरकार को कोर्ट की सहायता करने का एक और अवसर भी दिया। हाई कोर्ट ने सरकार को यह फैसला कमलजीत सिंह और अन्य याचिकार्ता के द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर लिया है।

क्या था हरियाणा सरकार का फैसला

हाई कोर्ट की एकल पीठ ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि 7 अक्टूबर, 2023 के लागू निर्देशों के अनुसार प्रमोशन, उन निर्देशों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं में निर्णय के अधीन होगा, जिसके द्वारा ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट ने हरियाणा को निर्देश दिया था। सरकारी विभाग SC वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देंगे। प्रमोशनल कोटा के स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत की सीमा तक ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों के सभी संवर्गों में आरक्षण देने के लिए हरियाणा सरकार ने फैसला लिया था।

याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा

याचिका दाखिल करते हुए इंस्पेक्टर कमलजीत सिंह और अन्य ने बताया कि हरियाणा सरकार ने इंस्पेक्टर से डीएसपी की प्रमोशन की प्रक्रिया आरंभ की है। याचिकाकर्ताओं को जानकारी मिली कि इस प्रक्रिया में आरक्षण को लागू किया गया है। उन्होंने आगे  कहा कि पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि एससी और एसटी के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए डाटा कलेक्शन प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इंस्पेक्टर के रूप में आवश्यक सालों की सेवा उन्होंने पूरी कर ली है और डीएसपी पद पर प्रमोशन के योग्य हैं।

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अनुच्छेद 335 के मानदंडों को पूरा करना है जरूरी  

याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया गया कि आरक्षण प्रदान करने की शक्ति राज्य सरकार के पास थी और इसे विभागीय प्रमोशन समिति को नहीं सौंपा जा सकता था। इसके अलावा, प्रमोशन पदों में आरक्षण प्रदान करने से पहले क्रीमी एससी लेयर को बाहर करना आवश्यक था और अनुच्छेद 335 के मानदंडों को पूरा करने के लिए यह अभ्यास जरूरी था। 

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