Fatehabad: गुरु रविदास के स्वरूप को कचरे में फेंकने पर भड़का एससी समाज, थाने में दिया धरना 

भूना में संत शिरोमणि रविदास के स्मृति चिह्न को मंत्री देवेंद्र बबली के पीए द्वारा गंदे नाले में फेंकने का आरोप लगाते हुए एससी समाज के लोगों ने भूना थाने में धरना दिया।

Updated On 2024-02-24 22:01:00 IST
अनुसूचित जाति वर्ग के लोग थाने में धरना देखकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए। 

भूना/फतेहाबाद: डूल्ट गांव में संत शिरोमणि रविदास की जयंती समारोह के बाद मुख्यातिथि को दिए गए स्मृति चिह्न को कचरे में फेंके जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों ने विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली के पीए पर उपरोक्त घिनौनी हरकत किए जाने का आरोप लगाया। भड़के एससी समाज के लोगों ने भूना थाने पहुंचकर धरना दिया और मामले में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

एक कार्यक्रम में पंचायत मंत्री को दिया था स्मृति चिह्न

रविदास सेवा समिति के प्रधान बलराज सिंह चौहान ने बताया कि अनुसूचित वर्ग के लोगों ने पंचायत मंत्री को संत शिरोमणि रविदास की जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल करके सम्मान दिया। मगर मंत्री के पीए व कुछ दबंग लोगों ने सम्मान स्वरूप दिए गए संत शिरोमणि की फोटो स्मृति चिह्न को गांव के पास गंदे नाले के साथ कचरे में फेंक दिया। संत शिरोमणि रविदास का पूरा विश्व सम्मान कर रहा है। परन्तु कुछ जातिवादी घृणा करने वाले लोगों की घटिया मानसिकता के कारण संत की फोटो को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का अपमान करने के लिए कचरे में फेंका गया है, जिसको किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अनुसूचित जाति के लोगों ने मंत्री के पीए व अन्य कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर देर रात्रि तक धरना दिया।

मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया

भूना थानाध्यक्ष रामपाल लोहचब ने बताया कि डूल्ट में संत शिरोमणि रविदास की फोटो कचरे में फेंके जाने को लेकर कुछ लोग इक्कठे होकर आए हुए है। उपरोक्त लोगों की शिकायत को लेकर मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है। मामले में कानूनी प्रकिया के हर पहलु की जांच-पड़ताल के बाद निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।

गुरु रविदास की प्रतिमा उनके पास है, मात्र राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अफवाहें फैलाई

विकास एवं पंचायत मंत्री के पीए निशांत ने बताया कि डूल्ट में गुरु रविदास जयंती समारोह में मंत्री को जो स्मृति चिह्न दिया गया था, वह उनके पास उपलब्ध है। यह सिर्फ एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अफवाह फैलाकर बदनाम करने की साजिश है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

Similar News