Rohtak Jat Akhara Murder Case: 6 हत्याओं के दोषी कोच को फांसी देने की मांग, दोषी ने याचिका दर्ज कर मांगा रहम

Rohtak Jat Akhara Murder: हरियाणा के रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में आज, बुधवार को 45 मिनट तक दोनों पक्षों के बीच सजा को ले कर बहस चली।

Updated On 2024-02-21 15:25:00 IST
6 हत्याओं के दोषी कोच को फांसी देने की मांग।

Rohtak Jat Akhara Murder Case: हरियाणा के रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में आज, बुधवार को 45 मिनट तक दोनों पक्षों के बीच सजा को लेकर बहस चली। पीड़ित पक्ष ने अदालत से मांग की कि क्रूरता से छह लोगों की हत्या की गई। इस केस को अति गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए दोषी कोच सुखविंदर को फांसी की सजा दी जाए। वहीं, सुखविंदर ने वकील के माध्यम से दया याचिका दायर करते हुए रहम की मांग की है। कहा, उसके माता-पिता बुजुर्ग हैं। साथ ही सात साल का बेटा है और पत्नी से तलाक हो चुका है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद 23 फरवरी की डेट दी है।

एक साथ कई लोगों की ली थी जान  

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, यूपी के मथुरा निवासी महिला पहलवान पूजा तोमर रोहतक के जाट कॉलेज के अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही थी। उसने मुख्य कोच विनोद मलिक को शिकायत दी थी कि कोच सुखविंदर उसे परेशान कर रहा है। शादी के लिए दबाव डालता है। मुख्य कोच ने आरोपी कोच को अखाड़ा छोड़ने की चेतावनी दी थी।

आरोप है कि इस बात से नाराज होकर आरोपी कोच सुखविंदर ने 12 फरवरी 2021 की शाम अखाड़े में पहुंचकर रिवाल्वर से कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, कोच सतीश, मोखरा निवासी प्रदीप और महिला पहलवान पूजा तोमर को गोली मार दी। पांचों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, मुख्य कोच के बेटे सरताज को ऊपर ले जाकर सिर में गोली मारी। तीन दिन उपचार के दौरान सरताज की भी मौत हो गई।

आरोपी सुखविंदर ने जाट किशोरी कॉलेज के बाहर कोच निडाना निवासी अमरजीत को बुलाया था और उन्हें भी गोली मारी, लेकिन उसकी जान बच गई। पुलिस ने आरोपी कोच सुखविंदर को बादली के पास से गिरफ्तार कर लिया था। जांच में खुलासा हुआ कि यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के गांव राजपुर-छाजपुर निवासी मनोज ने आरोपी कोच को हथियार उपलब्ध कराए थे। पीड़ित पक्ष ने मनोज पर वारदात की साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगाया था, लेकिन अदालत में उस आरोप को साबित नहीं किया जा सका।

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कोच पर ये धाराएं 

19 फरवरी को अदालत ने कोच सुखविंदर को आईपीसी की धारा 302, 307, 342, 201, 25 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था, जबकि मनोज को आर्म्स  की धारा 29 का दोषी माना गया था। बुधवार को अदालत में बहस के दौरान अदालत में पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्डा ने कोर्ट से मांग की कि दोषी सुखविंदर ने बेरहमी से छह लोगों की एक साथ हत्या की। ऐसे में उसे फांसी की सजा दी जाए।

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