हरियाणा विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के पक्ष में चल रही हवा, फिर भी हारे तो कौन होगा जिम्मेदार?

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद उत्साहित है। कांग्रेस का मानना है कि हरियाणा की हवा उसके पक्ष में चल रही है। फिर भी एक-एक कदम फूंककर उठाया जा रहा है। जानिये वजह...

By :  Amit Kumar
Updated On 2024-09-01 16:35:00 IST
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद उत्साहित।

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतकर तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन में जुटी है। कांग्रेस की बात करें तो यह चुनाव जीतकर सत्ता से 10 साल का वनवास खत्म करना चाहेगी। खास बात है कि कांग्रेस को इनेलो-बसपा, जेजेपी-एएसपी जैसे गठबंधन से भी जरा सा डर नहीं है। वजह यह बताई जा रही है कि हरियाणा में चुनावी हवा कांग्रेस के पक्ष में चल रही है। अब सवाल उठता है कि अगर इस आत्मविश्वास के बावजूद कांग्रेस हार जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। तो चलिये इसी सवाल का जवाब जानने का प्रयास करते हैं। सबसे पहले बताते हैं कि कांग्रेस के इस अति उत्साह के पीछे की वजह क्या है...

तीसरी बार चुनाव जीतना असंभव रहा

हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ने लगातार सरकार बनाई है, लेकिन कोई भी दल तीसरी बार सरकार नहीं बना सका है। दो बार सरकार को दोहराने वाले दल की बात करें तो कांग्रेस ने 2005 और 2009 के विधानसभा में जीत हासिल करके सरकार बनाई थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन, तीसरी बार जब कांग्रेस 2014 के विधानसभा चुनाव में उतरी तो उसे हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में भाजपा को 47, इनेलो को 19 और कांग्रेस को महज 15 सीटें मिली थी।

इसी प्रकार 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 40 सीटें हासिल की, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली। इनेलो से टूटकर बनी जेजेपी ने 10 सीटें हासिल की। बीजेपी और जेजेपी ने गठबंधन कर तीसरी बार सरकार बना ली थी। अब बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट चुका है और तीसरी बार किसी भी दल को समर्थन नहीं मिला है, लिहाजा कांग्रेस बेहद उत्साहित है।

कांग्रेस के पक्ष में हरियाणा

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है। हरियाणा में कांग्रेस के लिए सकारात्मक मूड है। उम्मीद है कि इस चुनाव में 70 से अधिक सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करेगी। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि हम इस सकारात्मक पक्ष में ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहते, जो कि नुकसानदायक हो। 2500 से ज्यादा प्रत्याशियों ने आवेदन किया है। सही संयोजन करके ऐसे प्रत्याशियों को चुना जाएगा, जो कि जीत हासिल कर सकें। नीचे देखिये उनका बयान...

अगर हार गए तो कौन जिम्मेदार?

कांग्रेस टिकट के बंटवारे को लेकर फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। कांग्रेस नहीं चाहती कि नामों का ऐलान करते ही गुटबाजी न हो जाए क्योंकि गुटबाजी के चलते पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला की भूपेंद्र हुड्डा से राजनीतिक दूरियों से सभी भलीभांति वाकिफ हैं। ऐसे में हाईकमान का प्रयास है कि इनके बीच भी सामांजस्य हासिल किया जा सके।

इसके अलावा कांग्रेस ये भी समझ चुकी है कि इनेलो और जेजेपी के अलग-अलग चुनाव लड़ने से जाट वोट बंट सकते हैं, लिहाजा अन्य जातियों के लिहाज से गैरजाट नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने पर चर्चा चल रही है। बहरहाल, इन चुनौतियों से पार होने के बाद भी कांग्रेस हारती है, तो इसके पीछे के कारणों का आकलना करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

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