CM Race in Haryana: अनिल विज बोले- मैं सीएम बना तो हरियाणा नंबर 1 होगा, शपथ लेते ही करेंगे यह पहला काम

अंबाला से भाजपा विधायक अनिल विज ने फिर से सीएम पद के लिए मजबूत दावेदारी कर दी है। उधर, नायब सैनी पहले से दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। यहां जानिये नायब सैनी और अनिल विज का सियासी सफर...

By :  Amit Kumar
Updated On 2024-10-10 14:04:00 IST
हरियाणा सीएम पद के लिए अनिल विज की दावेदारी बरकरार।

अंबाला से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक अनिल विज ने फिर से सीएम पद के लिए मजबूत दावेदारी की है। उन्होंने कांग्रेस की हार के बाद जलाने दबाने वाली राजनीति की आशंका जताई है। साथ ही, खुद को सीएम कैंडिडेट के लिए भी मजबूत दावेदार बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर मुझे सीएम बनाया गया तो मैं हरियाणा को नंबर एक प्रदेश बनाऊंगा।

मीडिया से बातचीत में अनिल विज ने कहा कि मेरी सीएम पद को लेकर किसी से भी बातचीत नहीं चल रही है। मैं ही पहला इंसान हूं, जिसने सबसे पहले दावा किया था कि हरियाणा चुनाव में भाजपा भारी बहुमत से जीत हासिल करेगी। एक्जिट पोल के बाद भी मैं कहता रहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार भारी बहुमत से बनेगी।

कांग्रेस के चुनाव आयोग में जाने पर क्या बोले अनिल विज

ईवीएम की गड़बड़ी के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत देने पर अनिल विज बोले कि वे हार गए हैं। अपनी हार को कैसे स्वीकार करते हैं, यह उनके संस्कार पर है। वे जलाकर करते हैं या दबाकर करते हैं... यह सब उनके ऊपर है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य तो पहले से विकास का है और आगे भी यही रहेगा। उन्होंने कहा कि मैं सातवीं बार विधायक बना हूं और आठवीं बार विधायक बनने के लिए भी कार्य शुरू कर दिया है। नीचे पढ़िये अनिल विज का पूरा वीडियो...

नायब सैनी और अनिल विज का सियासी सफर
 

बता दें कि नायब सैनी और अनिल विज, दोनों को आरएसएस का समर्थन है। नायब सैनी ग्रेजुएशन के बाद से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 1996 में उन्होंने बीजेपी से सियासी सफर शुरू किया। वे 2009 में हरियाणा की नारायणगढ़ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन हार गए। इसके बाद 2014 में पहली बार विधायक बने और हरियाणा सरकार में मंत्री बनाए गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। 2023 में उन्हें हरियाणा बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। मनोहर लाल के खिलाफ जनता की नाराजगी देखी जाने लगी तो भाजपा हाईकमान ने नायब सैनी पर भरोसा जताया। इसके बाद नायब सैनी ने 2024 में हरियाणा के 11वें सीएम के रूप में शपथ ली।

हरियाणा सीएम पद के दावेदार अनिल विज का भी आरएसएस से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने एसडी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे। 1970 में उन्हें एबीवीपी का महासचिव बनाया गया। 1975 में उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी की। 1990 में सुषमा स्वराज को राज्यसभा के लिए चुना गया तो अंबाला कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई। उस दौरान भाजपा ने अनिल विज पर भरोसा जताया और अनिल विज ने भी इस भरोसे पर खरे उतरकर उपचुनाव जीता। वे सातवें विधायक रह चुके हैं और दावा कर रहे हैं कि उनके कार्यों से इतना प्रसन्न है कि आठवी बार भी विधायक बनाएंगे और वे भी जनता के लिए विकास कार्यों के दरवाजे खोल रखेंगे।

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