Chilli Lake: विकास में रोड़ा बनी 300 गज भूमि का अधिग्रहित करेगा प्रशासन, ई-पोर्टल पर डाला आवेदन
प्राकृतिक चिल्ली झील के पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को रास्ते में रोड़ा बनी 300 गज जमीन के टुकड़े के अधिग्रहण के लिए भूमि मालिक से बात करके ई-पोर्टल पर आवेदन किया
Fatehabad: फिरोजशाह तुगलक के शाही किले के नीचे बह रही प्राकृतिक चिल्ली झील के पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का रास्ता करीब-करीब साफ होता नजर आ रहा है। इस दिशा में डीएमसी संजय बिश्नोई ने कहा कि झील के रास्ते में रोड़ा बनी 300 गज जमीन के टुकड़े के अधिग्रहण के लिए भूमि मालिक से बात करके ई-पोर्टल पर आवेदन डाल दिया गया है। जल्द ही जमीन लेकर चिल्ली का जीर्णोद्धार का काम शुरू करवा दिया जाएगा।
घग्गर का पानी पहुंचता है चिल्ली झील
घग्घर नदी बरसाती घग्घर के रूप में जानी जाती है। यहां दशकों पूर्व जाखल के चांदपुरा साइफन से गांव अयाल्की होते हुए बरसाती पानी शहर के मुहाने पर स्थित चिल्ली झील में आ ठहरता था। जिस कारण शहर में बाढ़ का खतरा टलता रहा। समय बीता, लोगों ने घग्घर नदी व चिल्ली झील की जमीन पर कब्जे कर लिए और उसके बाद लगातार यहां बाढ़ आने लगी। पिछले 3 दशकों में बाढ़ का पानी 10 बार शहर तक पहुंचा तो चिल्ली ने इसे अपनी ओट में रोके रखा। इन 3 दशकों के बाद चिल्ली पर कब्जे ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि प्रशासन की नाक के नीचे चिल्ली झील की जगह कालोनी बस गई। अब हालात यह है कि कभी सैकड़ों एकड़ में फैली चिल्ली झील कुछ कनाल तक सिमट गई। वह भी कभी सरकार तो कभी कोर्ट के चक्कर में फाइलें अधिकारियों की मेजों पर धूल फांकती रही। अनेक जिलाधिकारी आए और गए, सरकार ने भी करोड़ों रुपए भेजे लेकिन चिल्ली की जगह पर एक ईंट भी नहीं लगी।
300 गज का टुकड़ा सौंदर्यीकरण में बन रहा था बाधा
डीएमसी संजय बिश्नोई ने बताया कि चिल्ली झील की 300 गज भूमि का एक टुकड़ा इसके सौंदर्यकरण में आड़े आ रहा था। हालांकि इसकी निशानदेही हो चुकी है। अब भूमि मालिक से बात करके उसका आवेदन ई-पोर्टल पर डाल दिया है। जल्द ही जमीन लेकर चिल्ली का जीर्णोद्धार हो जाएगा। चिल्ली झील पर कार्य चल रहा है। इसको लेकर मामला कोर्ट में चला गया था, जिस कारण छह महीने काम नहीं कर सके। बता दें कि इस प्रोजेक्ट के सौंदर्यकरण का डिजाइन भी बन गया है। आर्किटेक्ट से स्वीकृति मिलते ही डिजाइन आगे भेज दिया गया है। जैसे ही यह भूमि वाला पेंच हटेगा, चिल्ली झील के सौंदर्यकरण का काम शुरू हो जाएगा। चिल्ली झील व पार्क को जोड़ने के लिए चारों तरफ ट्रैक बनाया जाएगा। निशानदेही में जो कब्जे सामने आएंगे, वो हटवाए जाएंगे और ट्रैक के चारों तरफ पेड़ पौधे लगाकर सुंदर पर्यटन स्थल बनाया जाएगा।
धांगड़ पुल से रतिया रोड पुल तक फोरलेन बनवाने का प्लान
डीएमसी ने बताया कि धांगड़ पुल से रतिया रोड पुल तक फोरलेन सड़क बनवाने और सड़क के बीचों बीच स्ट्रीट लाइट लगवाने के प्लान पर काम कर रहे हैं। सड़क के दोनों ओर पक्की टाइलों का ट्रैक बनेगा और पार्किंग के लिए भी मार्किंग होगी, जिससे शहर की एक अलग तस्वीर उभरकर सामने आएगी। जब तक यह नहीं हो पाता, तब तक लघु सचिवालय से नए बस स्टैंड तक सड़क के एक किनारे लाइट की व्यवस्था जल्द करवाएंगे। सफाई पर भी प्लान है कि छोटी मशीनें लगवाकर शहर की गलियों से कचरा हटवाया जाए और फिर बड़े एरिया में आऊट सोर्सिंग वर्करों से सफाई करवाकर डोर-टू-डोर कचरा उठाने के काम को भी तेज किया जाए, ताकि फिर सफाई की कोई शिकायतें सुनने को न मिलें।
पार्किंग में लगेगा सांझा बाजार, महिलाएं बेच सकेंगी सामान
डीएमसी के अनुसार पार्किंग का बरामदा खाली पड़ा है। सरकार की योजना है कि सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं की मदद की जाए। इसी नीति के तहत 100 रुपए प्रति दिन के किराए में उन्हें यहां सांझा बाजार लगाने को कहा गया है। एक महिला 10 दिन तक यहां अपना बनाया सामान बेचेगी और उसके बाद दूसरी महिला को जगह दी जाएगी। इससे महिलाओं को ही इनकम होगी और जगह का सदुपयोग हो जाएगा।
रतिया चुंगी व बीघड़ चौक पर लगेंगी रेड लाइटें
आरटीए कार्यालय के लिए नए बस स्टैंड का फर्स्ट फ्लोर का पूरा विंग ले लिया गया है और इसका एस्टीमेट भेजा गया है। जल्द ही यहां कार्यालय शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा शहर के लिए 1400 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें आ चुकी हैं, लेकिन इसे लगाने के लिए इंस्ट्रूमेंट अभी नहीं है, उसका टेंडर लगाया गया है, उसके आते ही शहर में नई लाइटें लगवाई जाएंगी। पपीहा पार्क का फव्वारा भी ठीक करवाया जाएगा। रतिया चुंगी व बीघड़ चौक पर यातायात सुचारू करने के लिए लाल बत्ती के ऑर्डर भेजे गए हैं, जल्द ही लाइटें आने के बाद यहां लाल बत्ती लगवाई जाएंगी। पपीहा पार्क में शहीद मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा के लिए भी हैड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजा हुआ है।