Chakka Jam in Haryana: भारत बंद के बीच हरियाणा रोडवेज कर्मियों का चक्का जाम, सरकार बेबस... यात्री बेहाल

Chakka Jam in Haryana: हरियाणा में भारत बंद का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर पूरे राज्य में दिखाई दे रहा है।

Updated On 2024-02-16 12:54:00 IST
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने किया चक्का जाम।

Chakka Jam in Haryana:  संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आज भारत बंद के आह्वान का हरियाणा में मिलजुला असर दिखाई दे रहा है। सभी जिलों में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार का उपद्रव न हो सके। हालांकि रोडवेज कर्मचारियों के भारत बंद में शामिल होने के चलते यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, कई अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि अभी तक कहीं से भी उपद्रव जैसी खबर सामने नहीं आई है। यहां पढ़िये तमाम जिलों की रिपोर्ट... 

जींद में चक्का जाम का व्यापक असर 

किसान आंदोलन के मद्देनजर जींद में पिछले काफी दिनों से इंटरनेट पर प्रतिबंध चल रहा है। आज भारत बंद के आह्वान में भी जींद के रोडवेज कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आलम यह रहा कि सुबह ही कर्मचारी डिपो पर पहुंच गए। केवल चार लंबे रूटों की बसों को छोड़कर एक भी बस को बाहर नहीं निकलने दिया। कर्मचारी दोपहर तक डिपो में धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखाई दिए। 

झज्जर में हड़ताल का असर नहीं

सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर झज्जर में भी सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हालांकि रोडवेज कर्मियों की हड़ताल का असर बसों के संचालन पर नहीं देखा गया। हालांकि रोडवेज कर्मचारी ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी बस स्टैंड के पास हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए और विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

कुरुक्षेत्र में भी भटकते दिखे यात्री 

उपरोक्त जिलों की तरह कुरुक्षेत्र में भी बस यात्री भटकते नजर आए। यहां भी कर्मचारियों ने सुबह से सरकारी बसों का चक्का जाम कर रखा है। हड़ताल के चलते यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। निजी बस चालक और अन्य वाहन चालक भी यात्रियों से मोटा किराया वसूल रहे हैं। खास बात है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। ऐसे में कई विभागों में छात्रों का कार्य प्रभावित हो रहा है। 

सिरसा डिपो प्रशासन की रणनीति भी नाकाम रही 

सिरसा में भी पुलिस ने सरकारी बसों का संचालन सुचारू रूप से कराने के लिए रणनीति बनाई थी। इसके मद्देनजर सरकारी बसों को डिपो के बाहर खड़ा कराया गया, लेकिन हड़ताल में शामिल कर्मचारी ड्यूटी पर ही नहीं पहुंचे। यहां भी कर्मचारी डिपो के गेट पर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। यहां भी लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

पटवारियों ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की

गुरुग्राम में हरियाणा रोडवेज राज्य सांझा मोर्चा की ओर से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है। वहीं, पटवारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। जबकि डेढ़ महीने की हड़ताल के बाद पटवारी अपने काम पर वापस लौटे हैं। इनके हड़ताल पर जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाए हैं।

गुरुग्राम धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं के आरोप
  1. पक्के व स्थायी रोजगार खत्म किए जा रहे हैं। 
  2. सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है।
  3. चंद उद्योगपतियों को देश के खनिज, बिजली, परिवहन, टेलीकॉम, रेल आदि सौंपे जा रहे हैं।
  4. भर्ती बोर्डों को खत्म करके निगम स्थापित किए जा रहे हैं।
  5. हिट एंड रन जैसे काले कानून बनाए जा रहे हैं।
  6. नेता खुद पुरानी पेंशन ले रहे है और सारी उम्र देश की सेवा करने वाले कर्मचारी पेंशन से वंचित। 
  7. कर्मचारियों के अधिकार व सुविधाएं खत्म की जा रही हैं।
  8. महंगाई विकराल रूप ले रही है और लोगों की आय घट रही है।
  9. शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और विकास के मुद्दे खत्म करके चुनाव में सिर्फ जाति और धर्म ही मुद्दे बना दिए गए हैं 
  10. बेरोजगारी की इतनी भयावह स्थिति है कि आंकड़ें देखने ही बंद कर दिए गए हैं।  
  11. ठेकाप्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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